कोटा। नो एंट्री एवं शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर ओमप्रकाश बुनकर से भेंट की। महासचिव अशोक माहेश्वरी ने जिला कलेक्टर को बताया कि 1 मई से शहर में नो एंट्री की नई व्यवस्था लागू कर दिए जाने से बाहर से आने वाले लोडिंग वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि रात्रिकालीन 11:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक जो पूर्व में नो एंट्री में छूट दी जा रही थी, उसे यथास्थिति रखा जाए और कोटा शहर की सीमा के अंदर माल भरने और खाली होने वाली गाड़ियों को इससे मुक्त रखा जाए।
प्रतिनिधिमंडल में मौजूद ट्रांसपोर्ट कंपनी एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी कुमार शर्मा उपाध्यक्ष पंकज खंडेलवाल कोषाध्यक्ष विनोद जैन कार्यकारिणी सदस्य कपिल शर्मा एवं वरिष्ठ सदस्य जितेंद्र कुमार जैन ने बताया कि इन सभी वाहनों को गोबरिया बावड़ी एवं ट्रांसपोर्ट नगर तक आने दिया जाए और टोल नाके पर हो रही अवैध वसूली को रोकने के लिए एक कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कोटा से झालीपुरा वाले बायपास को भी शीघ्र चालू किया जाए। साथ ही पुलिस द्वारा भी नो एंट्री के नाम पर वाहन चालकों को परेशान किया जाता है, इसे भी रोका जाए। उन्होंने गोबरिया बावड़ी एवं ट्रांसपोर्ट नगर को अतिक्रमण से मुक्त करने की भी मांग की । महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने जिला कलेक्टर से आग्रह किया कि कोटा में प्रवेश करने वाले सभी मार्गों पर दिशा निर्देश के बोर्ड लगाए जायें, जिससे बाहर से आने वाले ट्रक चालकों को कोई परेशानी ना हो। वह अनावश्यक शहर के अंदर ना आ सके, जिससे शहर का यातायात भी बाधित नहीं होगा।
उन्होंने शहर में घूमने वाले आवारा पशुओं को हटाने के भी पुख्ता इंतजाम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि रात्रिकालीन नो एंट्री देश के किसी भी शहर में नहीं लगाई जाती है। रात्रिकालीन नो एंट्री लगाने से व्यापार, उद्योग एवं ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर भारी प्रभाव पड़ेगा। किस तरह से व्यापारी बाहर से माल मंगायेगा या भेजेगा। अतः इसमें व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाया जाए, जिससे सभी का व्यवसाय सुचारू रूप से चल सके और सभी को माल की आपूर्ति हो सके ।
जिला कलेक्टर ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि हमारा कतई मकसद नहीं है कि शहर में पूर्ण नो एंट्री लगे, लेकिन हम चाहते हैं कि शहर मे हुए सौंदर्यीकरण को भी कोई नुकसान नहीं हो। आमजन एवं उपभोक्ताओं को भी किसी प्रकार की सप्लाई में दिक्कत नहीं आए। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाओं को सही ढंग से अंजाम देने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, कोटा व्यापार महासंघ एवं ट्रांसपोर्ट कंपनीज एसोसिएशन के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के बारे में पुनर्विचार किया जाएगा।