नई दिल्ली। यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की तरफ से ब्याज दरों में आगे और बढ़ोतरी नहीं करने के संकेत दिए जाने के बाद घरेलू बाजार में सोने (gold) की कीमतों ने आज शुरुआती कारोबार में नया रिकॉर्ड बनाया है। इस दौरान 10 ग्राम गोल्ड की कीमत 61,319 रुपये के 14 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। यह अपने ऑल टाइम हाई 61,371 रुपये प्रति 10 ग्राम के काफी करीब है।
घरेलू बाजार में आज शुरुआती कारोबार में एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क जून कॉन्ट्रैक्ट बढ़कर 61,490 रुपये प्रति 10 ग्राम के न्यू ऑल टाइम हाई ( new all-time high) पर पहुंच गया। इससे पहले पिछले महीने 13 अप्रैल को सोने ने 61,371 रुपये का हाई बनाया था।
अंतरराष्ट्रीय मार्केट (global market) में भी सोने की कीमत फिलहाल रिकॉर्ड हाई के बिल्कुल करीब है। स्पॉट गोल्ड (spot gold) आज यानी गुरुवार के कारोबार में बढ़कर 2,072.19 डॉलर प्रति औंस की ऊंचाई तक चला गया। जो इसके ऑल टाइम हाई 2,072.49 के कमोबेश बराबर है।
स्पॉट गोल्ड ने 2,072.49 का ऑल टाइम हाई 2020 में बनाया था। इसी तरह यूएस गोल्ड फ्यूचर्स बढ़कर 2,085.40 की ऊंचाई तक जा पहुंचा। जबकि अगस्त 2020 में इसने 2,089.2 का रिकॉर्ड हाई बनाया था। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक (YTD) सोने की वैश्विक कीमतों में 12 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
यूएस फेडरल रिजर्व ने दो दिन की मीटिंग के बाद बुधवार को ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया लेकिन इस बात के संकेत भी दिए कि मौजूदा आर्थिक स्थितियों को देखते हुए शायद आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी से बचा जाए। अमेरिकी केंद्रीय बैंक की तरफ से आए इस संकेत के बाद यूएस डॉलर इंडेक्स (US Dollar Index) और यूएस बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड (US Benchmark Bond Yield) में तेज गिरावट आई है। परिणामस्वरूप सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों लेवल पर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।
गोल्ड पर कोई ब्याज/यील्ड नहीं मिलता इसलिए अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट से सोना निवेश के दृष्टिकोण से ज्यादा आकर्षक हो जाता है और येलो मेटल (yellow metal) की कीमतों में तेजी आती है। वहीं डॉलर में कमजोरी अन्य करेंसी में गोल्ड की कीमत को बढ़ा देती है।
10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड पर यील्ड फिलहाल 9 बेसिस प्वाइंट कमजोर होकर 3.34 फीसदी पर है। इस कैलेंडर वर्ष इसमें तकरीबन 54 फीसदी की गिरावट आई है। ठीक छह महीने पहले यह 4 फीसदी से ऊपर चला गया था। यूएस डॉलर इंडेक्स में भी फिलहाल 0.26 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है। वर्ष 2023 में डॉलर इंडेक्स अब तक 2.35 फीसदी कमजोर हुआ है जिस वजह से सोना सहित अन्य dollar denominated कमोडिटी की कीमतों को सपोर्ट मिला है।
केडिया एडवाइजरी के एमडी अजय केडिया के मुताबिक ब्याज दरों में बढ़ोतरी को लेकर फेडरल रिजर्व के नरम रुख ने सोने की कीमतों के लिए तेजी का रास्ता तैयार किया है। क्योंकि फिलहाल डॉलर इंडेक्स और यूएस बॉन्ड यील्ड दोनों दबाव में हैं। इस तेजी के दौर में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें बढ़कर नियर-टर्म में 2,115 डॉलर प्रति औंस की ऊंचाई तक जा सकती है, जबकि घरेलू बाजार में अगले दो महीने में कीमतों के 62,500 के लेवल तक जाने की संभावना है।
देश के विभिन्न देशों में महंगाई दर के ऊंची रहने और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता की वजह से भी बतौर ‘सुरक्षित विकल्प’ सोने को सपोर्ट मिल रहा है। वहीं भू-राजनीतिक तनाव (geo-political tensions) और अमेरिका और यूरोप में जारी मौजूदा बैंक संकट ने इस अनिश्चितता को बढाकर बतौर सेफ हेवन (safe-haven) एसेट निवेशकों के लिए सोने की चमक को बढ़ाया है।
जानकारों के मुताबिक भारत सहित विश्व के अन्य केंद्रीय बैंकों (central banks) की तरफ से सोने की खरीद में तेजी से भी कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) से प्राप्त ताजा आंकड़ों के मुताबिक सोने की खरीदारी के मामले में भारत मार्च तिमाही के दौरान रूस, सिंगापुर, चीन और तुर्किये के साथ दुनिया के टॉप 5 देशों में रहा।