नई दिल्ली। अरहर दाल की जमाखोरी पर लगाम लगाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए आयातकों, मिलों, स्टॉकिस्टों और व्यापारियों के पास मौजूद दाल के भंडार की निगरानी के लिए सरकार ने समिति बनाई है।
आधिकारिक बयान में कहा गया, सरकार घरेलू बाजार में अन्य दालों के भंडार की स्थिति पर भी करीब से नजर रख रही है, ताकि आने वाले महीनों में कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि की स्थिति में आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
अतिरिक्त सचिव निधि खरे की अध्यक्षता वाली समिति राज्यों के साथ समन्वय से अरहर दाल के भंडार की निगरानी करेगी। सुचारू व निर्बाध आयात के लिए गैर-एलडीसी देशों से अरहर दाल के आयात के लिए लागू 10 फीसदी शुल्क को भी हटा दिया है। यह शुल्क कम विकसित देशों (एलडीसी) से शून्य शुल्क आयात के लिए भी बाधाएं पैदा करता है।
गेहूं की ई-नीलामी पर रोक
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने सस्ते दरों पर गेहूं की ई-नीलामी को फिलहाल रोकने का फैसला किया है। कहा, नई फसल अगले महीने से आएगी, तब इस बारे में फैसला किया जाएगा। खुले बाजारों के जरिये एफसीआई ने अब तक 33 लाख टन गेहूं बेचा है। इसमें 31 लाख टन खरीदारों ने लिया है। बाकी 31 मार्च तक खरीदार ले जाएंगे। कीमतें कम करने के लिए सरकार ने सस्ते में 50 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया था।