कोटा। आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव पीड़ित संघर्ष समिति के पीड़ितों को डूंगरपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत द्वारा निवेशकों के लिए केंद्र सरकार को अवगत कराने के आश्वासन से सकारात्मक उम्मीद जगी है।
देश भर में 21 लाख पीड़ित निवेशकों का 18 हजार करोड़ रुपया केंद्र सरकार की निष्क्रियता के कारण सरकारी प्रक्रियाओं में उलझा है। कई निवेशकों ने तो आत्महत्यायें कर ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से लेकर केंद्र के लगभग सभी मंत्रीगण कोरा आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं कर पाए ।
आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव पीड़ित संघर्ष समिति के अध्यक्ष हरीश शर्मा एवं महामंत्री सीएम वर्मा ने संघ प्रमुख भागवत को पूर्व में कई ज्ञापनों के माध्यम से अवगत कराया था। भागवत के अलावा भी संघ के अन्य पदाधिकारियों को ज्ञापन भेजे गए। समिति ने कहा है कि निर्दोष पीडितों में अधिकांश संघ से संबंधित तथा सभी वर्ग के लोगों की जीवन भर की कमाई इन सोसायटियों में उलझी है।
केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों ने सिर्फ कंपनी के संचालकों मुकेश मोदी एवं उसके परिवार को 4 वर्ष से गिरफ्तार कर रखा है। परंतु उससे समस्या का समाधान भुगतान के रूप में नहीं हो रहा। आदर्श पीडितों ने देश भर के न्यायालयों में केस भी दायर कर रखे हैं, लेकिन केंद्र सरकार की सुस्ती ने मामले को पेचीदा बना दिया है।
संजीवनी घोटाले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर आरोप एवं राज्य में भाजपा नेताओं की चुप्पी से लाखों पीड़ितों ने न्यास की उम्मीद खो दी है। सांवरासेठ के दरबार में अर्जी लगाई है। मोहन भागवत चाहें तो हस्तक्षेप कर केंद्र की सरकार को जवाबदेह बना सकते हैं।
सीएम वर्मा ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भी संजीवनी क्रेडिट घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत का सिर्फ नाम उछाल रहे हैं। यदि वास्तव में शेखावत दोषी हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाए।