कोटा। शहर केअभेडा बायोलॉजिकल पार्क में 21 दिन बाद पर्यटकों को शेरनी सुहासिनी देखने को मिलेगी। सीजेएड से परमिशन मिलने के बाद शेरनी सुहासिनी को सोमवार को जयपुर के नाहरगढ़ से कोटा अभेडा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया गया है। इससे पहले टीम ने शेरनी का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
इसे कर्नाटक के बेंगलुरु से जयपुर लाया गया था। सुहासिनी साल 2016 से नाहरगढ़ बायलोजिकल पार्क में थी। सुहासिनी 11 साल की है। और वजन करीब 210 किलो है। उसे आज दोपहर में कोटा लाया गया। 4 बजे करीब उसे अभेडा बायलोजिकल पार्क के एनक्लोजर में छोड़ा गया। निगरानी के लिए विभाग की ओर से टीम लगाई गई है।
अभेडा बायोलॉजिकल पार्क शुरू होने के बाद से यहां 14 में से 3 एनक्लोजर खाली थे। पार्क में वन्यजीवों को देखने आने वाले पर्यटक शेर, शेरनी के नहीं होने पर निराश होकर लौटते थे। विभाग की टीम ने चिड़ियाघरों में प्रस्ताव बनाकर भेजे थे। जिस पर लॉयन व टाइगर के जोड़े व फॉक्स लाने की परमिशन मिली थी। आज जयपुर के नाहरगढ़ से शेरनी को कोटा शिफ्ट किया गया है। जल्द ही टाइगर का जोड़ा भी लाया जाएगा।
डीएफओ सुनील गुप्ता ने बताया कि केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से 9 जनवरी को एक मेल टाइगर, एक फीमेल टाइगर तथा एक फीमेल लॉयन को नाहरगढ़ बायोलोजिकल पार्क जयपुर से अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क कोटा में शिफ्ट करने की परमिशन मिली।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजस्थान, जयपुर के निर्देशन में एक शेरनी (नाम सुहासिनी) को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क जयपुर से सीजेडए की प्रोटोकॉल की पालना करते हुए अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क कोटा में शिफ्ट कर दिया गया है। नियमानुसार 21 दिवस क्वारेंटाइन किया जाएगा एवं नियमित रूप से स्वास्थ्य का परीक्षण वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ विलासराव गुल्हाने द्वारा किया जाएगा। पर्यटकों के लिए 21 दिन बाद डिस्प्ले किया जायेगा।