नई दिल्ली। पिछले हफ्ते जबर्दस्त तेजी दिखाने वाली दलाल स्ट्रीट में इस सप्ताह भी रौनक बनी रह सकती है।
निवेशकों की नजर इस हफ्ते मुख्य रूप से दूसरी तिमाही के कंपनी नतीजों, प्रमुख आर्थिक आंकड़ों व बैंकों में पूंजी डालने की सरकार की घोषणा के क्रियान्वयन पर रहेगी।
बाजर की दिशा तय करने में इस कारकों की अहम भूमिका रहेगी। पिछले हफ्ते बंबई शेयर बाजार (बीएसई) के सेंसेक्स में 767.26 अंक या 2.37 फीसद की तेजी आई।
27 जनवरी के बाद यह सेंसेक्स की सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त रही। इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी में 177 अंक की बढ़त दर्ज हुई।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘इस सप्ताह दूसरी तिमाही के नतीजों का कुछ कंपनियों के शेयरों पर असर दिखेगा। बैंकों में पूंजी डाले जाने की सरकार की योजना पर निवेशकों की करीबी नजर रहेगी।
इसके अलावा अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दर से जुड़े फैसले पर भी बाजार की निगाह होगी।’ इस हफ्ते मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र से जुड़े पीएमआइ आंकड़े भी आने हैं।
कोटक सिक्योरिटीज के संजीव जारबादे ने कहा, ‘सकारात्मक वैश्विक रुख, बैंकों में पूंजी डालने की घोषणा तथा नकदी समर्थन से अक्टूबर में बाजार में जोरदार तेजी आई।
अनुमान है कि नवंबर में भी बाजार मजबूत होगा। जो शेयर अच्छा मुनाफा दे रहे हैं, उसे निवेशक आगे भी पसंद करेंगे।’ इस हफ्ते ल्यूपिन, टाटा स्टील और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समेत कई कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं।
इस दौरान वाहनों की बिक्री के आंकड़े भी आएंगे। इसलिए ऑटो सेक्टर के शेयरों पर भी निगाह रहेगी।