सम्मेद शिखर पर्यटन सूची से विलोपित हो, समग्र जैन समाज ने बिरला को सौंपा ज्ञापन

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कोटा। Sammed Shikharji Protest: झारखंड में सम्मेद शिखर संरक्षण की मांग को लेकर जैन समाज का आंदोलन जारी है। आज भी सकल दिगंबर जैन समाज ने सम्मेद शिखर तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा वापस लेने की मांग को लेकर रैली निकाली। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को ज्ञापन दिया। रैली में समाज के महिला पुरुष ‘प्राणों से भी प्यारा है,सम्मेद शिखर हमारा है’ के नारे लगाते रहे।

सकल जैन समाज के अध्यक्ष विमल चंद जैन ने बताया कि सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित कर दिया है। इससे जैन समाज में आक्रोश है। सम्मेद शिखर जैनियों का तीर्थ है। वहां जैनियों की पवित्र भावना है। हम चाहते हैं कि हमारा क्षेत्र हमारा है वह पर्यटन क्षेत्र घोषित ना हो वो धार्मिक तीर्थ क्षेत्र हो।

तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर से 20 तीर्थंकर मोक्ष गए हैं,कई साधु मोक्ष गए हैं। उस पर्वत का कण-कण पूजनीय व पवित्र है। उसको पर्यटन क्षेत्र बनाना कहां तक न्यायोचित है। जैन समाज कुछ मांगता नहीं है, देता ही आया है। पहली बार जैन समाज सड़कों पर उतरा है। हम अहिंसा के पुजारी हैं। अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो आगे आंदोलन करेंगे।

अमित धारीवाल ने कहा कि संसार में जितने भी जैन परिवार रहते हैं। उन परिवारों का सम्मेद शिखर से भावनात्मक जुड़ाव है।परिवार का एक न एक सदस्य वहां जरूर दर्शन करने गया हुआ है। ऐसे पवित्र तीर्थ को पर्यटन क्षेत्र घोषित करते हैं तो यह तानाशाही है। आखिर केंद्र सरकार क्या चाहती है? एक संत ने कल शहादत दी है अब कितने संतों की शहादत मांग रही है? सम्मेद शिखर में जैनियों की जान बसी हुई है।

बिरला ने किया आश्वस्त: बिरला ने ज्ञापन लेते हुए सभी की बात पूरे मनोयोग से सुनी और कहा कि इस प्रकरण में समग्र जैन समाज भारत के प्रतिनिधिमंडल की संसद भवन दिल्ली में हुई बैठक में कोटा से राकेश जैन मडिया एवम् विनोद जैन टोरडी सहित देश के सभी प्रमुख समाजबंधुओं एवम् अधिकारियों की उपस्थिति में विस्तृत चर्चा हुई थी। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष द्वारा उनकी ओर से की गई कार्यवाही से सभी को अवगत करवाया। साथ ही सभी को पूर्ण आश्वस्त करते हुए कहा कि इस संदर्भ में जो भी कार्यवाही वांछनीय होगी, उसे वो समाजहित में प्राथमिकता के साथ करेंगे।

प्रतिनिधिमंडल में यह थे शामिल
इस अवसर पर सकल दिगम्बर जैन समाज कोटा के अध्यक्ष विमल जैन नांता, महामंत्री विनोद जैन टोरडी, समग्र जैन समाज भारत के अध्यक्ष राकेश जैन मडिया, राजमल पाटोदी, प्रकाश बज, विकास अजमेरा, सुरेश चाँदवाड़, अमित धारीवाल, जगदीश जिंदल, अनिल ठोरा, विजय दुगेरिया, केएल जैन, प्रकाश जैन दीपपुरा, निशा वेद, मनोज आदिनाथ, कपिल जैन, मनोज जेसवाल, संजय निर्वाण एवं भूपेन्द्र जैन आदि उपस्थित थे।

यह है पूरा मामला
झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ियों पर स्थित सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थ है। जैन समाज के लोग पारसनाथ पहाड़ियों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के राज्य सरकार के कदम का विरोध कर रहे हैं। पर्यावरण मंत्रालय ने राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के बाद अगस्त 2019 में पारसनाथ अभयारण्य के आसपास एक पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र अधिसूचित किया था और पर्यावरण-पर्यटन गतिविधियों को मंजूरी दी थी। जैन समाज के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध का सिलसिला जारी है। राजस्थान में भी कई दिनों से विरोध हो रहा है। राजधानी जयपुर में विरोध जारी है।