-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। Crisis In Congress: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री के पद पर दावेदारी जता रहे अपने प्रतिद्वंदी सचिन पायलट के खिलाफ पहली बार सबसे बड़ा हमला करते हुए उन्हें ” गद्दार ” करार दिए जाने के बावजूद गहलोत के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी, इसकी संभावना कम ही है।
पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपनी महत्वकांक्षी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आज मध्य प्रदेश में प्रवास के समय पत्रकारों से बातचीत करते हुए ऐसे संकेत दे भी दिए। हालांकि इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल कल जयपुर आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री पद हथियाने के लिए बगावत का झंडा बुलंद करते हुए तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने कुछ समर्थक विधायकों मंत्रियों के साथ मानेसर (हरियाणा) चले गए थे और वहां 35 दिन तक एक रिसॉर्ट में पनाह पाई थी।
कांग्रेस के इतिहास में यह पहला अवसर था जब उसी के किसी प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री की सरकार को गिराने की कोशिश की थी। उस समय यह आरोप भी लगा था कि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर हरियाणा की भाजपा सरकार ने उनकी मेजबानी की जिसे सचिन पायलट और उनकी टीम ने स्वीकार किया था।
इसी को लेकर मुख्यमंत्री ने पायलट को गद्दार करार दिए जाने के बाद उठे विवाद पर टिप्पणी करते हुए कोटा के प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा ने भी सवाल उठाया है कि- अगर अशोक गहलोत ने कुछ कहा है तो सोच-समझकर ही का होगा। पायलट क्यों नहीं बताते उन्होंने 35 दिन मानेसर में क्या किया?
सचिन पायलट उस समय तो अशोक गहलोत की सरकार को नहीं डिगा सके लेकिन, नए प्रयासों के तहत करीब दो माह पहले राजस्थान के प्रभारी महासचिव अजय माकन को मोहरा बनाकर जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाकर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव पारित करवाना चाहा। तब पहली बार लोक-लिहाज ताक में रखकर अशोक गहलोत खुलकर सामने आए।
उनके सबसे निष्ठावान-विश्वस्त वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल ने उस समय अपने आवास पर बहुमत से कांग्रेस के विधायकों की बैठक बुलाकर सचिन पायलट को किसी भी सूरते-हाल में मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करने और अशोक गहलोत को ही अपना सर्वमान्य नेता मानने का कड़ा संदेश दिया था। इसके बाद पार्टी आलाकमान को नतमस्तक होना पड़ा था।
अब मुख्यमंत्री के एक बार फिर सचिन पायलट को गद्दार करार दिए जाने के बाद उठे विवाद पर पायलट समर्थकों की मुखर होती आवाजों के बावजूद पहले जैसे हालात हैं। इस बार भी गहलोत के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी, इसमें संदेह है। हालांकि कल संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल जयपुर आ रहे हैं और वे अशोक गहलोत व सचिन पायलट को पार्टी नेतृत्व का संदेश दे सकते हैं।
इस बीच अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश पहुंचे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज अपने प्रवास के समय अशोक गहलोत और सचिन पायलट को बराबर की धरोहर बताकर गहलोत के खिलाफ मौजूदा हालात में किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने का संकेत दे दिये।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा संभवत 4 दिसम्बर को झालावाड़ जिले में चंवली के रास्ते राजस्थान में प्रवेश करेगी और वे करीब 10 दिन तक प्रदेश के प्रवास पर रहेंगे। इसी को लेकर आज राहुल गांधी ने कहा कि-” मैं इतनी गारंटी लेता हूं कि इसका भारत जोड़ो यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इसके अलावा एक और पांच दिसम्बर को गुजरात में विधानसभा के लिए मतदान होना है इसलिए भी पार्टी आलाकमान कोई नये सियासी विवाद खड़ा करने के मूड में नहीं लगता है।लेकिन, कल पार्टी आलाकमान कल जयपुर में केसी वेणुगोपाल के जरिए दोनों नेताओं को बयानबाजी करने के मामले में संयम बरतने की अपनी सलाह को दोहरा सकता है।