नई दिल्ली। आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के प्राइवेटाइजेशन का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। इसकी जानकारी शुक्रवार को दी गई है। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) 7 अक्टूबर को संभावित बोलीदाताओं से रुचि की अभिव्यक्ति (EOI) आमंत्रित करेगा।
केंद्र 30.48 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) आईडीबीआई बैंक में 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा। दीपम के सचिव ने ट्वीट किया, “आईडीबीआई बैंक में भारत सरकार और एलआईसी हिस्सेदारी के स्ट्रैटेजिक विनिवेश के साथ मैनेजमेंट कंट्रोल भी ट्रांसफर किया जाएगा।
इसके लिए बोलियां मंगवाई जाएंगी।” भारतीय जीवन बीमा निगम के पास वर्तमान में आईडीबीआई बैंक में 529.41 करोड़ शेयरों के साथ 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि केंद्र सरकार के पास 488.99 करोड़ शेयरों के साथ 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
आईडीबीआई बैंक के लिए ईओआई जमा करने की अंतिम तारीख 16 दिसंबर है और सभी ईओआई 180 दिनों के लिए वैध होंगे और इसे 180 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है।
IDBI बैंक के शेयर: आईडीबीआई बैंक का शेयर बीएसई सेंसेक्स पर पिछले बंद के मुकाबले 0.71 प्रतिशत की बढ़त के साथ 42.70 रुपये पर बंद हुआ। मौजूदा बाजार मूल्य पर इस बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी का मूल्य 27,800 करोड़ रुपये से अधिक बैठेगा।
दीपम ने कहा, “सफल बोली लगाने वाले को आईडीबीआई बैंक के सार्वजनिक शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश करनी होगी।” बता दें कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले साल मई में आईडीबीआई बैंक में रणनीतिक विनिवेश और मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।