वैश्विक मांग में कमी से भारत से सोया खली निर्यात 11 महीनों में 67 फीसदी घटा

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इंदौर। ऊंची कीमतों के चलते वैश्विक मांग में कमी से मौजूदा तेल विपणन वर्ष (अक्टूबर 2021-सितंबर 2022) के शुरुआती 11 महीनों के दौरान देश से सोया खली का निर्यात 67 प्रतिशत घटकर 6.25 लाख टन रह गया। पिछले तेल विपणन वर्ष में अक्टूबर से अगस्त के बीच देश से 19.12 लाख टन सोया खली का निर्यात हुआ था।

प्रसंस्करणकर्ताओं के इंदौर स्थित संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सोपा के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोया खली की कीमतें अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना के इस उत्पाद के मुकाबले ऊंची बनी हुई हैं और भारतीय सोया खली की मांग में जारी गिरावट का सबसे बड़ा कारण यही है।

प्रसंस्करण कारखानों में सोयाबीन का तेल निकाल लेने के बाद बचने वाले उत्पाद को सोया खली कहते हैं। यह उत्पाद प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत है। इससे सोया आटा और सोया बड़ी जैसे खाद्य पदार्थों के साथ पशु आहार तथा मुर्गियों का दाना भी तैयार किया जाता है।