बाजार में गिरावट से निवेशकों को 2.39 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

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मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के कारण निवेशकों को सोमवार को 2.39 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बीएसई सेंसेक्स 861.25 अंक यानी 1.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,972.62 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 1,466.4 अंक तक नीचे चला गया था।

वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के साथ बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,39,781.58 करोड़ रुपये घटकर 2,74,56,330.02 करोड़ रुपये पर आ गया।अमेरिकी केंद्रीय बैंक के प्रमुख के ब्याज दर को लेकर आक्रामक रुख अपनाने का संकेत दिए जाने के बाद वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच आईटी, प्रौद्योगिकी और बैंक शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 246 अंक यानी 1.4 प्रतिशत नुकसान के साथ 17,312.90 अंक पर बंद हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि ब्याज दर से जुड़े शेयरों में विशेष रूप से गिरावट दर्ज की गयी। इसका कारण अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के गवर्नर जेरोम पावेल की टिप्पणी है। इससे यह संकेत मिला है कि अमेरिका मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये ब्याज दर में तीव्र वृद्धि कर सकता है।

सेंसेक्स के शेयरों में 4.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में महिंद्रा एंड महिंद्रा रही। इसमें अलावा इन्फोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा स्टील, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और भारतीय स्टेट बैंक भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ मारुति, नेस्ले, एशियन पेंट्स, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और हिंदुस्तान यूनिलीवर प्रमुख रूप से लाभ में रहीं।

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना आम बैठक में उत्तराधिकार योजना को पेश किये जाने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 0.84 प्रतिशत नीचे आया। उत्तराधिकार योजना के तहत आकाश और ईशा दूरसंचार और खुदरा कारोबार को संभालेंगे जबकि सबसे छोटे बेटे अनंत को नवीन ऊर्जा इकाई की कमान मिलेगी।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘‘वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट रही जबकि बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने तथा डॉलर के मुकाबले दुनिया की अन्य मुद्राओं में गिरावट आई। इसका कारण दुनिया के सबसे ताकतवर केंद्रीय बैंक (फेडरल रिजर्व) का ब्याज दर को लेकर आक्रामक रुख है।’’