‘डेयरी स्टाफ पार्टी करता रहा, टैंक से बह गया दस हजार लीटर दूध’

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कोटा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की आम सभा

अध्यक्ष गुंजल से कहा वह मामले की जांच करवाए और यदि एमडी वर्मा जांच कराने में असक्षम हैं, तो एमडी से 10 हजार लीटर दूध की कीमत 5 लाख रुपए डेयरी फंड में जमा कराएं

कोटा। कोटा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के संचालक मंडल की बुधवार को वार्षिक आमसभा की बैठक हुए है। उसमें संचालक मंडल के सदस्य जयकिशन मीणा ने सरस डेयरी प्रशासन की बड़ी लापरवाही को उजागर किया है।
उनका कहना है कि 12 अगस्त की रात को डेयरी प्लांट के टैंक से 10 हजार लीटर दूध नाले में बह गया।

जिसकी कीमत 5 लाख रुपए है। जिस वक्त वॉल्व खुला रहने से टैंक से दूध डेयरी के नाले में बह रहा था। उस समय स्टाफ रात में दाल बाटी की पार्टी कर रहा था। यहां तक की चेयरमैन श्रीलाल गुंजल एमडी श्याम बाबू वर्मा तक को इस बारे में पता नहीं लगा।

वाट्स अप के जरिए मीणा को मामले का पता लगा, तो जिम्मेदारों की शिकायत की। 8 सितंबर को संचालक मंडल की मीटिंग हुई। मामले को चेयरमैन और एमडी के सामने रखा गया। अध्यक्ष ने एमडी को कमेटी गठित कर दोषियों का पता लगाने के निर्देश दिए।

कमेटी में एमडी समेत तीन अधिकारी और दो संचालक मंडल के सदस्य शामिल किए गए। मीणा भी कमेटी के सदस्य है।
कमेटी को जांच करने के साथ दोषी व्यक्ति से दूध का हर्जाना वसूल करना था। मीणा ने बताया कि एक माह और तीन दिन निकल जाने के बाद भी, एमडी मामले की जांच नहीं कर पाए।

उन्होंने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। मंच से मीणा ने अध्यक्ष गुंजल से कहा वह मामले की जांच करवाए और यदि एमडी वर्मा जांच कराने में असक्षम हैं, तो एमडी से 10 हजार लीटर दूध की कीमत 5 लाख रुपए डेयरी फंड में जमा कराएं।

एमडी ने कहा कि वह जल्द जांच कराकर दोषियों से हर्जाना वसूलेंगे। अध्यक्ष गुंजल ने भी उन्हें तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मीणा ने बताया कि सरस डेयरी प्लांट में लगे ज्यादातर कैमरे बंद पड़े है। दूध बहने की इतनी बड़ी घटना हो गई। डेयरी प्रशासन का उसका पता तक नहीं लगा। मीणा ने मांग की प्लांट में जो भी कैमरे खराब पड़े है डेयरी प्रशासन उन्हें ठीक करवाए।

60 हजार में मिलने वाला मार्का 3.50 लाख में खरीदा
रोझडी समिति के अध्यक्ष महावीर गुर्जर ने आमसभा में आईएसओ मार्का खरीदने में प्राइवेट कंपनी के साथ मिलीभगत करके डेयरी को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का मामला उठाया। महावीर ने कहा डेयरी को भारत सरकार की संस्था बीएसआई से 60 हजार रुपए में तीन साल के लिए मार्का मिलता है। डेयरी प्रशासन ने वहीं मार्का एक प्राइवेट कंपनी से एक साल के लिए 3.50 लाख रुपए में खरीदा है।

इस पर एमडी ने सफाई देते हुए बीएसआई का मार्का अप्लाई करने के बाद भी देरी से मिलने और मार्का के खत्म होने की बात कही। एमडी के जवाब से असंतुष्ट होते हुए आमसभा की अध्यक्षता से कर रहे चेयरमैन गुंजल ने कहा डेयरी प्रशासन को प्राइवेट कंपनी से मार्का खरीदने की कहा जरूरत पड़ गई थी। 6 माह पहले बीएसआई संस्था को आवेदन किया जाता। मार्का की अवधि खत्म होने के बाद भी एक साल में मार्का मान्य का नियम है। 

10 रुपए फैट में खरीदा जाए गाय का दूध
आम सभा में ज्यादातर दुग्ध समितियों के अध्यक्षों ने कहा डेयरी गाय का 10 रुपए फेट में खरीदे। तो डेयरी प्रशासन को सर्दी के साथ गर्मियों में भी दूध की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। चेयरमैन ने कहा गाय के दूध को ज्यादा से ज्यादा रेट में खरीदने की व्यवस्था पर विचार किया जाएगा।