कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर से नीचे, मिलेगी महंगाई से राहत

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नई दिल्ली। कच्चे तेल की अंतराष्ट्रीय कीमत (crude oil price) में मंगलवार को सात फीसदी गिरावट आई और बुधवार को भी शुरुआती कारोबार में इसमें गिरावट देखी जा रही है। ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स (Brent crude futures) की कीमत 68 सेंट यानी 0.7 फीसदी गिरावट के साथ 98.81 डॉलर प्रति बैरल रह गई।

यूएस वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट क्रूड (US West Texas Intermediate crude) की कीमत में भी 72 सेंट यानी 0.8 फीसदी गिरावट आई और यह 95.12 डॉलर पर आ गया। यह इसका तीन महीने का न्यूनतम स्तर है। इससे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों (Petrol Diesel Prices) में गिरावट आ सकती है।

रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine war) के कारण एक समय कच्चे तेल की कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थी। लेकिन हाल के दिनों में इसमें गिरावट आई है। अमेरिका और यूरोप के कई देशों में मंदी की आशंका के कारण कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई है।

दूसरी तरफ डॉलर इस समय काफी उच्च स्तर पर है। 20 साल में पहली बार यूरो और डॉलर का एक्सचेंज रेट बराबर हो गया है। दूसरी बड़ी करेंसीज की तुलना में डॉलर की कीमत कई महीनों के उच्च स्तर है। इससे डॉलर इस समय निवेशकों के लिए निवेश का पसंदीदा जरिया बन गया है।

डॉलर में तेजी का असर सोने और क्रूड जैसी दूसरी कमोडिटीज पर पड़ रहा है। यही वजह है कि इनमें बिकवाली देखने को मिल रही है। डॉलर में मजबूती से दूसरी करेंसीज में तेल अधिक महंगा हो जाता है, जिससे तेल की मांग में कमी आती है। साथ ही चीन में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की आशंकाएं बढ़ गई हैं। इससे भी तेल की कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है तो देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी आ सकती है। इससे महंगाई से जूझ रहे आम लोगों को राहत मिल सकती है।