कोटा। भारत सरकार ने 13 दिन पहले बाजार हस्तक्षेप योजना में लहसुन खरीद के लिए राजफैड को स्वीकृति दे दी है। लेकिन राजस्थान सरकार जानबूझकर किसानों को नुकसान देने के लिए लहसुन की खरीद नहीं कर रही है। इसलिए किसानों को लहसुन जलाना पड़ रहा है, या सड़कों पर आंदोलन करना पड़ रहा है।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति बैठक में कोटा भाग लेने आए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि राजस्थान सरकार को किसानों के हित मे तुरंत लहसुन की खरीद शुरू करनी चाहिए। ताकि किसानों का लहसुन का सही दाम मिले। राजस्थान में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसी स्थिति बनी हुई है।
लहसुन खरीद को लेकर उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार MSP पर खरीद की गाइडलाइन है। उसके अनुसार ही खरीद होती है।इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। क्योंकि यह कृषि का विषय है जो राज्य सरकार का है।
किसानों के नाम पर बात जरूर की जाती है, किसानों के लिए योजना बनाने की बातें की जाती है, चुनाव से पहले वादे किए जाते हैं। संपूर्ण कर्जा माफी, 24 घंटे बिजली देने की बाते होती है। लेकिन धरातल पर इन्हें लागू नहीं किया जाता।
राजस्थान की सरकार व अशोक गहलोत केवल बातें करते है। और गुमराह करने का काम करते हैं। भ्रष्टाचार का आलम है, विधायक लूटने में लगे हैं। उनको किसानों से कोई सरोकार नहीं है। ऐसे राजस्थान में हालात बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इतने दिन तो गहलोत सरकार राज्यसभा चुनाव में खरीद-फरोख्त में लगी रही। अब दिल्ली में जाकर बैठ गए । वहां से उनको फुर्सत नहीं है। राजस्थान की जनता और किसानों को गहलोत सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ रखा है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार बाजरा खरीद के लिए भी तैयार है। इसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज रखे है।