नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कार्ति चिदंबरम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 50 लाख रुपये की घूस के बदले 250 चीनियों को भारत का वीजा दिलवाने में मदद की। ये लोग पंजाब में चल रहे एक प्रोजेक्ट में काम के लिए आए थे। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने सीबीआई के हवाले से यह जानकारी दी है।
इस संबंध में सीबीआई ने उनके खिलाफ एक नया केस भी दर्ज कर लिया है। मंगलवार सुबह ही दिल्ली से चेन्नई तक सीबीआई ने कांग्रेस के सीनियर पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति के 7 ठिकानों पर छापेमारी की थी। आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने 260 चीनियों का वीजा बनवाने में मदद के लिए 50 लाख रुपये की घूस हासिल की थी।
इन लोगों को पंजाब के मानसा में स्थित एक पावर प्रोजेक्ट में काम करने के लिए भारत आना था। एक अधिकारी ने बताया कि यह प्रोजेक्ट एक निजी कंपनी द्वारा चल रहा था। सीबीआई ने चेन्नई स्थित कार्ति चिदंबरम के घर के अलावा मुंबई, ओडिशा, कर्नाटक और पंजाब में भी अलग-अलग लोकेशंस पर छापेमारी की। इसके अलावा पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम जिस घर में रहते हैं, वहां भी सीबीआई की टीम जांच के लिए पहुंची थी। सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि चीनी नागरिकों को ये वीजा किस दौरान दिलए गए थे। बता दें कि वीजा जारी किए जाने का मामला होम मिनिस्ट्री के अंतर्गत आता है।
एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि जांच आगे बढ़ने पर होम मिनिस्ट्री के तत्काली अधिकारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। बता दें कि कार्ति चिदंबरम के पिता पी. चिदंबरम 2008 से 2012 के दौरान देश के होम मिनिस्टर थे। इस बीच छापेमारी को लेकर कार्ति चिदंबरम का रिएक्शन भी सामने आया है और उन्होंने इस पर तंज कसा है। कार्ति ने ट्वीट किया, ‘मुझे तो अब याद भी नहीं है कि कितनी बार यह सब हुआ है? इसका एक रिकॉर्ड जरूर होना चाहिए।’ गौरतलब है कि कार्ति के अलावा उनके पिता पी. चिदंबरम के खिलाफ भी एयरसेल मैक्सिस डील में सीबीआई और ईडी की ओर से जांच की जा रही है।
कार्ति और पी. चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
आईएनएक्स मीडिया केस में सीबीआई और ईडी ने 2019 एवं 2020 में चार्जशीट दाखिल की थी। एजेंसियों का कहना था कि चिदंबरम जब वित्त मंत्री थे, तब आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश हासिल करने की मंजूरी घूस लेकर दी गई थी। इसके अलावा एयरसेल मैक्सिस डील में भी कार्ति और उनके पिता के खिलाफ जुलाई 2018 में चार्जशीट फाइल हो चुकी है। इस केस में भी उन पर घूस लेकर विदेश निवेश की मंजूरी देने का आरोप है।