यूनिवर्सिटी के वीसी गुप्ता सीटें बढ़ाने की एवज में पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़े

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जयपुर/कोटा। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर रामावतार गुप्ता को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने गुरुवार को कॉलेज में इंजीनियरिंग की सीटें बढ़ाने की अनुमति देने के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत (Bribe) लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

यह कार्रवाई एसीबी की टीम ने राजधानी जयपुर में एमएनआईटी के सरकारी गेस्ट हाउस में की। प्रोफेसर रामावतार गुप्ता पिछले चार दिनों से इसी गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे। एसीबी ने पांच लाख रुपये की रिश्वत की रकम के अलावा वाइस चांसलर रामावतार गुप्ता के गेस्ट हाउस में स्थित कमरे से 21 लाख रुपये की बड़ी रकम भी बरामद की है। यह रकम कहां से आई इसके बारे में एसीबी वाइस चांसलर से पूछताछ कर रही है।

एसीबी के अनुसार ट्रेप की कार्रवाई के बाद एसीबी की टीमों ने प्रोफेसर रामावतार गुप्ता के कोटा और जयपुर स्थित ठिकानों पर भी सर्च कार्रवाई शुरू कर दी है। एक निजी कॉलेज के संचालक ने एसीबी के हेल्पलाइन नंबरों पर इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें उसने बताया था कि कोटा स्थित राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर रामावतार गुप्ता उनसे 10 लाख रुपये की रिश्वत की डिमांड कर रहे हैं।

रिश्वत की यह रकम कॉलेज में इंजीनियरिंग की सीटें बढ़ाने और कॉलेज में संचालन में कोई बाधा उत्पन्न नहीं करने की एवज में मांगी जा रही थी। इसके लिए काफी दबाव डाला जा रहा है। एसीबी ने जब शिकायत का सत्यापन कराया तो सही पाया गया। इस पर ब्यूरो ने वीसी को रंगे हाथों पकड़ने के लिये गुरुवार को अपना जाल बिछाया।

वाइस चांसलर रामावतार गुप्ता ने परिवादी को रिश्वत के पांच लाख रुपये की रकम लेकर जयपुर में जवाहर लाल नेहरु मार्ग स्थित एमएनआईटी कैम्पस में बने गेस्ट हाउस में बुलाया। वहां रिश्वत लेते ही इशारा मिलने पर एसीबी ने वाइस चांसलर रामावतार गुप्ता को ट्रेप कर लिया। वीसी के ट्रेप होने की सूचना मिलते ही शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया। ब्यूरो गुप्ता के ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई के साथ-साथ उससे पूछताछ में जुटी है। अभी जांच में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।