बेहिसाब निर्यात से देश में ही गेहूं की भारी किल्लत संभव?

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नई दिल्ली। इस समय देश भर में गेहूं की कीमतों (Wheat Price) में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। आलम यह है कि व्यापारी खेतों में ही किसानों से गेहूं खरीद रहे हैं। वह भी एमएसपी (MSP) से अधिक कीमत पर। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस समय गेहूं की जबरदस्त डिमांड है और हर रोज इसकी कीमत में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में विशेषज्ञ बोल रहे हैं कि इसके बेहिसाब निर्यात (Wheat Export) से देश में ही इसकी किल्लत हो सकती है। ऐसे हालात में फिर हमें दूसरे देश से दूनी कीमत पर गेहूं मंगाना पड़ सकता है।

ओरिगो कमोडिटीज (Origo Commodities) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बृजराज सिंह का कहना है कि भविष्य की विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए सरकार को गेहूं निर्यात को लेकर पुनर्विचार करना चाहिए। उनका कहना है कि अभी गेहूं का निर्यात चल रहा है, लेकिन 5-6 महीने के बाद हो सकता है कि भारत को गेहूं का आयात दोगुने भाव पर करना पड़ जाए।

उनका कहना है कि इस समय देश में गेहूं की सप्लाई काफी कम है और कारोबारियों को भी पर्याप्त मात्रा में गेहूं नहीं मिल पा रहा है। गेहूं की उपज में कमी और पीएम गरीब कल्याण योजना (PMGKAY Scheme) को छह महीने और बढ़ा देने से गेहूं की किल्लत हो सकती है। इसके साथ ही अगर कहीं कोविड की लहर फिर से आ गई तो सरकार के पास गरीबों को बांटने के लिए गेहूं का स्टॉक भी नहीं बचेगा।

भारत से गेहूं का निर्यात लगातार जारी है। इसलिए डर लग रहा है कि आने वाले दिनों में कहीं देश में गेहूं की कीमतों में आग नहीं लग जाए। इसके अलावा सरकार की ओर से गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य कैसे पूरा होगा इसको पर भी एक बड़ा सवाल है। दरअसल, खुले बाजार में गेहूं की मांग ज्यादा है और किसानों को भाव भी ज्यादा मिल रहा है ऐसे में किसान सरकारी एजेंसियों के बजाए निजी कारोबारियों को गेहूं की बिक्री करने को तरजीह दे रहे हैं। इस वर्ष गेहूं की सरकारी ख़रीद में 444 लाख टन का लक्ष्य है। जिस हिसाब से सरकार को गेहूं मिल रहा है, उससे लगता है कि 300 लाख टन होने का अनुमान है।

इस साल होली के बाद ही मौसम ज्यादा गर्म हो गया। यह मौसम गेहूं के पकने का है। ऐसे समय में तापमान बढ़ने से गेहं की उपज पर असर पड़ा। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में यह असर दिख रहा है। बृजराज सिंह के मुताबिक फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं का उत्पादन पूर्व अनुमान 111.3 मिलियन टन की तुलना में घटकर 95-100 मिलियन टन रहेगा। यह वर्ष 2021-22 के 109.5 मिलियन टन उत्पादन के मुकाबले कम है।

17 अप्रैल तक गेहूं की खरीद 69.24 लाख टन तक हो चुकी है। यह सालाना आधार पर 39 फीसदी कम है। एक साल पहले समान अवधि में 102 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी। राज्यवार आंकड़ों को देखें तो मध्यप्रदेश में 8.99 लाख टन, पंजाब में 32.17 लाख टन, हरियाणा में 27.76 लाख टन और उत्तर प्रदेश में 0.30 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है।

ओरिगो कमोडिटीज के मुताबिक एक अप्रैल 2022 तक भारत सरकार के पास गेहूं का कैरी फॉरवर्ड स्टॉक सालाना आधार पर 30.4 फीसदी और मासिक आधार पर 19 फीसदी कम था। उस समय गेहूं की मात्रा 18.99 मिलियन टन थी। यह उनके 20.5 मिलियन मीट्रिक टन के अनुमान से भी काफी कम है।

इस साल केंद्र सरकार ने रिकॉर्ड 444 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य तय किया है। पिछले साल सरकार ने 433.44 लाख टन गेहूं की खरीदारी का लक्ष्य रखा था। लेकिन सरकारी खरीद धीमी है, क्योंकि किसान सरकारी खरीद केंद्र के बदले व्यापारियों को गेहूं बेच रहे हैं।

फरवरी 2022 में सभी वितरण योजनाओं के तहत सरकार ने 4.62 मिलियन टन गेहूं का वितरण किया था। पूरे 2020-21 के दौरान वितरित किए गए 36.39 मिलियन टन की तुलना में अप्रैल-21 से फरवरी-22 तक कुल वितरण 46.46 मिलियन टन गेहूं बांटा गया था। यानी कि 2020-21 की तुलना में सरकारी गेहूं का वितरण लगभग 10 मिलियन टन अधिक था।

2022-23 में भारत का गेहूं निर्यात बढ़ेगा
सिंह का अनुमान है कि वर्ष 2022-23 के दौरान भारत से गेहूं का निर्यात 10-15 मिलियन टन के दायरे में रह सकता है। भारतीय व्यापारियों ने अप्रैल से जुलाई की अवधि के दौरान पहले ही 3-3.5 मिलियन टन गेहूं निर्यात का अनुबंध कर लिया है। बंदरगाहों से निकटता और आसान आवाजाही की वजह से गेहूं की अधिकतम मात्रा गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश से भेजी जाएगी।

मिस्र भेजा जाएगा 10 लाख टन गेहूं
मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दी है। मिस्र 10 लाख टन गेहूं का आयात भारत से करेगा। गौरतलब है कि अप्रैल के महीने में मिस्र को 2,40,000 टन गेहूं की जरूरत है। अभी तक मिस्र गेहूं का सबसे ज्यादा आयात यूक्रेन और रूस से करता आया है। लेकिन, मौजूदा हालात में उसने भारत को प्रमुख आपूर्तिकर्ता के तौर पर चुन लिया है। वर्ष 2022-23 के लिए भारत का गेहूं निर्यात 10-15 मिलियन टन के दायरे में रहेगा।