रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण देश में खाद्य तेल की कीमतों में तेजी

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नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई (Russia-Ukraine war) के कारण पहले ही खाद्य तेलों के दाम आसमान छू रहे हैं। भारत ने रूस से रेकॉर्ड कीमत पर सूर्यमुखी के तेल (sunflower oil) के आयात के लिए सौदा किया है। भारत में यूक्रेन से सबसे ज्यादा सूर्यमुखी तेल का आयात करता है लेकिन लड़ाई के कारण वहां से आयात प्रभावित हुआ है। इस वजह से देश में खाद्य तेल की कीमतों में तेजी आई है। भारत ने अप्रैल में 45,000 टन सूर्यमुखी के तेल के लिए रूस के साथ डील की है।

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। भारत दुनिया में खाद्य तेल का सबसे बड़ा आयातक है और रूस से मिलने वाले सनफ्लावर ऑयल से देश में इसकी कमी को पूरा किया जा सकेगा। इंडोनेशिया ने पाम ऑयल की सप्लाई को सीमित कर दिया है जबकि दक्षिण अमेरिका में सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई है। जेमिनी एडिबल्स एंड फैट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप चौधरी ने कहा कि यूक्रेन से आयात संभव नहीं है, इसलिए खरीदार रूस का रुख कर रहे हैं। उनकी कंपनी ने रूस से 12,000 टन सूर्यमुखी तेल के आयात के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया है।

रूस से रेकॉर्ड कीमत पर खरीद
डीलरों का कहना है कि रिफाइनर्स ने रूस से 2,150 डॉलर प्रति टन की रेकॉर्ड कीमत पर क्रूड सनफ्लावर ऑयल खरीदा है। इसमें कॉस्ट, इंश्योरेंस और फ्रेट (CIF) शामिल है। यूक्रेन पर रूस के हमले से पहले यह कीमत 1,630 डॉलर प्रति टन थी। इस समय देश में सूर्यमुखी के तेल की खुदरा कीमत 160 से 180 रुपये प्रति लीटर है। नई खेप आने के बाद इसमें 30 फीसदी तक तेजी आ सकती है। यानी इसकी कीमत 210 रुपये से 240 रुपये पहुंच सकती है।

इस बीच रिटेल इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म Bizom के आंकड़ों के मुताबिक देश में फरवरी में खाने के तेल की कीमत में तेजी आई। इनमें ब्रांडेड सनफ्लावर, वनस्पति, सरसों और मूंगफली का तेल शामिल है। यूक्रेन और रूस दुनिया में सनफ्लावर ऑयल के सबसे बड़े सप्लायर हैं। भारत में हर साल 25 से 30 लाख टन सनफ्लावर ऑयल की खपत होती है। इसका करीब 70 फीसदी यूक्रेन से आता है। 2021 में भारत के कुल खाद्य तेल आयात में यूक्रेन और रूस की हिस्सेदारी 13 फीसदी थी। भारत ने इन दो देशों से 16 लाख टन खाद्य तेल खरीदा था।

फरवरी में महंगा हुआ खाद्य तेल
फरवरी में देश में सनफ्लावर ऑयल की कीमत में पिछले महीने के मुकाबले चार फीसदी की तेजी आई जबकि सरसों के तेल की कीमत 8.7 फीसदी बढ़ी। इस दौरान सोयाबीन तेल की कीमत में 0.4 फीसदी की गिरावट आई जबकि वनस्पति तेल की कीमत 2.7 फीसदी बढ़ी। मूंगफली का तेल भी एक फीसदी बढ़ गया जबकि देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले पाम ऑयल में 12.9 फीसदी गिरावट आई। फरवरी, 2020 की तुलना में पाम ऑयल की कीमत अब भी 22.9 फीसदी अधिक है।