तोक्यो। रविवार को ब्रेंट ऑयल की कीमतें लगभग 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं, जो 2008 के बाद से सबसे अधिक है। ब्रेंट ऑयल की इतनी बढ़ी हुई कीमतों के पीछे रूस-यूक्रेन संघर्ष एक बड़ा कारण है। व्यापारियों की इसपर पैनी नजर है। इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग 2300 जीएमटी के आसपास खुली और इसके कुछ ही देर बाद मई में डिलीवरी के लिए ब्रेंट नॉर्थ सी क्रूड ऑयल 139.13 डॉलर तक पहुंच गया। हालांकि, अगले घंटे में यह कीमत थोड़ी नीचे आई। बता दें कि 2008 में यूरोपीय बेंचमार्क क्रूड ने 147.50 डॉलर प्रति बैरल की रिकॉर्ड कीमत हासिल की थी।
विश्व शक्तियों के साथ ईरान के 2015 के परमाणु समझौते को फिर से जीवित करने के लिए वार्ता रविवार को अनिश्चितता के भंवर में फंस गई। रूस की यूएस गारंटी की मांग के बाद कि यूक्रेन संघर्ष पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। वह तेहरान के साथ अपने व्यापार को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
सूत्रों के मुताबिक चीन ने भी नई मांगें उठाई हैं।रूस की मांगों के जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को कहा कि यूक्रेन के आक्रमण पर रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का ईरान के साथ संभावित परमाणु समझौते से कोई लेना-देना नहीं है। बता दें कल शाम 6:50 बजे तक ब्रेंट 11.67 डॉलर या 9.9% बढ़कर 129.78 डॉलर प्रति बैरल हो गया। जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 10.83 डॉलर या 9.4% बढ़कर 126.51 डॉलर हो गया।