कच्चे तेल की कीमत एक दशक के शिखर पर, दाम 117 डॉलर प्रति बैरल पर

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नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच आठ दिनों से जारी जंग अब और तेज हो चुकी है। इसका सबसे ज्यादा कच्चे तेल पर पड़ता नजर आ रहा है। गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत एक दशक के शिखर पर जा पहुंची। जी हां, तीन फीसदी से ज्यादा की तेजी लेते हुए इसका भाव 117 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। गौरतलब है कि ब्रेंट क्रूड के दाम में उबाल से भारतीयों की चिंता बढ़ गई है।

इस संबंध में आई एक हालिया रिपोर्ट की मानें तो ओपेक+ देशों ने कच्चे तेल का उत्पादन न बढ़ाने के फैसला किया है। यही कारण है कि कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। गुरुवार को जहां ब्रेंट क्रूड का दाम बढ़कर 117 डॉलर पर पहुंचा, वहीं दूसरी ओर डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमत 2.67 फीसदी की तेजी लेते हुए 113.6 डॉलर प्रति बैरल हो गई। ब्रेंट क्रूड का भाव 2011 के बाद सबसे ज्यादा है।

साल 2022 की शुरुआत के साथ ही कच्चे तेल की कीमतों मे तेज उछाल आता गया। बीते गुरुवार को ही अपने साल साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए बेंट क्रूड का भाव 2014 के बाद पहली बार भाव 100 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गया था। बीते चार महीनों के दौरान इसमें लगातार तेजी आई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो दिसंबर में ब्रेंट क्रूड का भाव 10.22 फीसदी, जनवरी में 17 फीसदी, फरवरी में 10.7 फीसदी और मार्च में अब तक 16 फीसदी से ज्यादा बए़ गया है।

भारत में दिखेगा बड़ा असर
बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में आ रहे उछाल का सबसे ज्यादा असर भारत पर दिखाई देगा। इसके कारण देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में बड़ी तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद भी देश में बीते चार महीनों से पेट्रोल-डीज के दाम स्थिर बने हुए हैं। हालांकि, इसके पीछे देश के पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव को कारण बताया जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 मार्च को चुनाव परिणाम सामने आने के बाद देश में इनकी कीमत बढ़ सकती है।

नौ रुपये महंगा होगा पेट्रोल-डीजल
गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 7 मार्च को उत्तर प्रदेश में होने वाले आखिरी चरण के मतदान के तुरंत बाद पेट्रोल-डीजल महंगा किया जा सकता है। इसमें संभावना व्यक्त की गई है कि तेल विपणन कंपनियां 10 मार्च को पांच राज्यों के चुनाव परिणाम का एलान होने के बाद पेट्रोल-डीजल पर 9 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी कर सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि तेल के दाम में होने वाली ये बढ़ोतरी एक बार में नहीं, थोड़ी-थोड़ी करके कई दिनों में की जा सकती है।

यूक्रेन के हालात बुरे
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध तेज हो चुका है। गुरुवार को संघर्ष के आठवें दिन तक युक्रेन के करीब 752 लोग अपनीरी जान गंवा चुके थे। इसके साथ ही रूसी सेना ने यूक्रेनी शहर खेरसॉन पर अपना कब्जा जमा लिया है। इसके साथ ही खरकीव और कीव में जंग के चलते हालात बेहद बुरे हैं। बता दे जापानी रिसर्च एजेंसी नोमुरा की हाल में आई रिपोर्ट में कहा गया था कि रूस-यूक्रेन युद्ध आगे खिंचता है तो इसके चलते एशिया में सबसे ज्यादा नुकसान भारत को होने वाला है।