दशहरा मेले के दुकानदारों पर जीएसटी की मार

0
1228
File Photo
  • दुकानों के किराए पर लग रहा 300 से 25 हजार रुपए तक अतिरिक्त चार्ज

  • 224 बीघा में फैला है दशहरा मैदान, 300 से ज्यादा छोटी दुकानें 235 कच्ची दुकानें होंगी

  • 750 बड़ीदुकानें लग रही हैं मेले में

कोटा।  इस बार जीएसटी का असर दशहरे मेले में भी देखने को मिल रहा है। सरकार द्वारा मनोरंजन मेलों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाई है। इसी आधार पर नगर निगम ने दशहरे मेले को भी इसी श्रेणी में मानते हुए मेले में आने वाली दुकानों से जीएसटी ली जा रही है।

बड़ी पक्की दुकानों पर तो जीएसटी ली ही जा रही है साथ ही निगम ने उन कच्ची दुकानों पर भी जीएसटी लगा दी जो जमीन पर बैठकर खिलौने अन्य छोटा-मोटा सामान बेचते हैं। इनसे भी जीएसटी के तौर पर 396 रुपए प्रति दुकानदार ली जा रही है।

मेले में पिछले साल जमीन पर 10 गुणा 10 वर्गफीट की जगह पर कपड़ा बिछाकर छोटी-मोटी दुकानदारी करने वालों को इस बार 2596 रुपए में जगह दी गई। पिछले साल ये जगह 2200 रुपए में दी गई थी। इसी प्रकार फूड कोर्ट में दुकान लगाने वाले दुकानदारों पर 1000 रुपए से लेकर 25 हजार रुपए तक अतिरिक्त शुल्क देना पड़ रहा है।

झूला मार्केट में भी 500 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक जीएसटी लग रही है। दुकानदारों में इस बात को लेकर काफी रोष भी है, लेकिन मेले में दुकान लगाना है, इसलिए विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं।

दुकानदारों का कहना है कि रोज कमाने-खाने वाले छोटे दुकानदारों को इससे छूट देनी चाहिए। पहले तो मेले में दुकान लेने के लिए भटक रहे हैं और ऊपर से महंगी दुकानें मिल रही है।

मनोरंजन पर 18 प्रतिशत जीएसटी
मनोरंजन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लग चुकी है, इसलिए हम भी जीएसटी जोड़कर कर रही रसीद बना रहे हैं। इसमें छोटे दुकानदारों के लिए अभी तक कोई रियायत नहीं आई है, इसलिए उन पर भी लगा रहे हैं।
-रिंकल गुप्ता, राजस्व अधिकारी