कोटा। दी एसएसआई एसोसिएशन की ओर से रविवार को रानपुर स्थित एक होटल में उद्यमियोंं के लिए आईपीओ लिस्टिंग एवं कैपिटल मार्केट का महत्व की प्रक्रिया को समझाया गया। एसएमई आईपीओ विशेषज्ञ व सीएफपी चिद्रुप जैन ने बताया कि कंपनी के पास कम से कम 3 करोड़ की पूंजी होनी चाहिए जिसका भुगतान किया हो और गत तीन वित्तीय वर्षों (असाधारण आय को छोड़कर) के कम से कम दो वर्षों के लिए वितरण योग्य मुनाफा हो तो एक प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) की घोषणा की जा सकती है। वर्तमान में एसएमई की 356 कम्पनियां बीएससी में लिस्टेड हैं। कोटा से जल्द 3 कंपनियां सूचीबद्ध होने वाली हैं।
प्रोग्राम कोर्डिनेटर अवधेश गर्ग ने कहा कि लघु और मध्यम उपक्रमोंं का देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ा योगदान है। जीडीपी का 35 प्रतिशत हिस्सा, निर्यात का 49.5 प्रतिशत हिस्सा और निर्माण क्षेत्र का 36.9 प्रतिशत हिस्सा यहीं से आता है। उन्होंने बताया कि 111 लाख लोगों को 63 लाख लघु और मध्यम उपक्रमोंं के माध्यम से रोजगार उपलब्ध है। एसएमई यानी स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज देश की इकोनॉमी की बैकबोन है।
सीडीएसएल यशवंत गुप्ता, जयपुर ने बताया कि सीडीएसएल सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड है। जिस तरह हम हमारे पैसों को बैंक अकाउंट में रखते हैं, उसी तरह हमारे खरीदे हुए कंपनी के शेयर को डीमेट अकाउंट में रखते हैं। यह भारत सरकार और सेबी द्वारा पंजीकृत डिपॉजिटरी हैं जो कि कई प्रकार की प्रतिभूतियों जैसे की स्टॉक्स, बॉन्ड, ईटीएफ्स की इलेक्ट्रॉनिक प्रतियों को संभालते हैं। ये उपक्रम हमें डीमेट अकाउंट की सुविधा देता है। यह आपको ई-वोटिंग की सुविधा भी देती है। उन्होंने ई-लॉकर, ई-केवाईसी, सीएएस व ई-वोटिंग की सुविधा के बारे में भी बताया।
मुख्य अतिथि एसएसआई के संस्थापक अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल ने कहा कि यदि बिना ब्याज के बाजार से धन प्राप्त करना है तो आपके पास इक्विटी ही एक मात्र विकल्प है। व्यवसाय विस्तार के लिए बैंक से ऋण प्राप्त करने जाते हैं और ऊंची दरों पर ऋण प्राप्त करके परिचालन की लागत को बढ़ा लेते हैं। ऐसे में यदि हम इक्विटी से धन एकत्रित करें तो बड़े फंड प्राप्त होंगे।