गंगोत्री धाम के कपाट बंद, केदारनाथ और यमुनोत्री के आज होंगे

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उत्तरकाशी। शीतकाल के लिए चार धामों के कपाट बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया है। शुक्रवार को गंगोत्री धाम के कपाट विधिविधान के साथ बंद कर दिए गए हैं। इस दौरान धाम में बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।

यमुनोत्री धाम के कपाट आज बंद होंगे
वहीं गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के शीतकालीन पड़ाव मुखबा और खरसाली में मां गंगा और यमुना के स्वागत की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यमुनोत्री के कपाट शनिवार को बंद होने जा रहे हैं। इसके बाद शीतकाल के छह माह मां गंगा और यमुना के दर्शन शीतकालीन पड़ावों में ही होंगे। 

शुक्रवार को अन्नकूट पर्व पर पूर्वाह्न 11:45 बजे गंगोत्री धाम के कपाट शीलकाल के लिए बंद हो गए। इसके बाद गंगा की भोग मूर्ति अपने मायके मुखबा (मुखीमठ) स्थित गंगा मंदिर के लिए डोली यात्रा के साथ रवाना हुई। एक दिन लंका स्थित भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन मुखबा पहुंचेगी।

केदारनाथ के कपाट आज होंगे बंद
इसके लिए मंदिर को भव्य ढंग से सजाया जाएगा। वहीं केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज पर शनिवार को बंद होंगे। शनिवार को सुबह यमुनोत्री के शीतकालीन पड़ाव खरसाली से समेश्वर देवता (शनि देव) की डोली अपनी बहन यमुना को लेने धाम पहुंचेगी।

बदरीनाथ के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे
पुरोहित प्यारेलाल उनियाल ने बताया कि खरसाली स्थित मां यमुना के मंदिर को सजाने के लिए फूल मंगाए गए हैं। मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जाएगा। बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।

यमुनोत्री मंदिर समिति को 5 लाख रुपये की आय
यमुनोत्री में 50 दिन तक चली यात्रा से यमुनोत्री मंदिर समिति को 5 लाख रुपये की आय हुई है। कोविड के कारण प्रभावित चारधाम यात्रा इस बार 18 सितंबर से शुरू हुई थी। शुक्रवार तक करीब 34 हजार श्रद्धालुओं ने मां यमुना के दर्शन किए। कपाट बंद होने से एक दिन पहले यमुनोत्री मंदिर समिति ने प्रशासन की मौजूदगी में यमुनोत्री धाम में लगा दानपात्र खोला। समिति के कोषाध्यक्ष प्यारे लाल उनियाल ने बताया कि दानपात्र से मंदिर समिति को पांच लाख 13 हजार रुपये की आय प्राप्त हुई है।