वोडाफोन आइडिया नहीं होगी बंद, कंपनी के CEO ने दिलाया भरोसा

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मुंबई। वोडाफोन आइडिया फंड जुटाने के लिए अभी भी लगातार कोशिशें कर रही है। कंपनी के CEO रविंदर टक्कर का कहना है कि कंपनी को फंड जुटाने की पूरी उम्मीद है। कंपनी को भरोसा है कि वह जल्द ही संभावित निवेशकों तक पहुंच जाएगी। सरकार की तरफ से दी गई राहत से कर्ज में डूबी कंपनियों को फायदा मिलेगा।

वोडाफोन आइडिया के CEO रविंदर टक्कर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि निवेशक केंद्र सरकार के राहत पैकेज का इंतजार कर रहे थे। निवेशक जानना चाहते थे कि क्या केंद्र सरकार तय करेगी कि टेलीकॉम सेक्टर में कम से कम तीन खिलाड़ी मौजूद रहें। निवेशक यह भी चाहते हैं कि जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कंपनी सरकारी बकाया का भुगतान करने के बजाय बिजनेस बढ़ाने के लिए करे।

रविंदर टक्कर ने कहा कि इस पैकेज के साथ निवेशकों की आशंकाओं को कुछ हद तक दूर कर दिया गया है। टक्कर ने कहा कि निवेशकों के नाम बताए बिना कहा कि कंपनी फंड जुटाने के लिए बातचीत कर रही है। इस बदलाव के साथ हमें हमारे बिजनेस प्लान को अपडेट करना होगा।

96,300 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम का बकाया
सरकार का जो बकाया वोडाफोन आइडिया पर है, उसमें 96,300 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम का पेमेंट है। 61,000 करोड़ रुपए का एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) है। इसके अलावा बैंकों का 23,100 करोड़ रुपए बकाया है। इसमें काफी पैसा सरकारी बैंकों का है जो सरकार के हिस्से में आएगा। इसके अलावा हजारों करोड़ रुपए की बैंक गारंटी भी है। साथ ही AGR, स्पेक्ट्रम और बैंक के लोन पर ब्याज अलग से बकाया है।

केंद्र सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर को दी थी राहत
केंद्र सरकार ने 15 सितंबर को टेलीकॉम सेक्टर के लिए राहत पैकेज को भी मंजूरी दी थी। सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर को सभी बकाया के लिए 4 साल का मोरेटोरियम देने का फैसला किया। यानी वे अपना बकाया 4 साल के लिए टाल सकते हैं, लेकिन उन्हें इस दौरान बकाया का ब्याज देना होगा।

सरकार ने बिना सरकारी मंजूरी के टेलीकॉम सेक्टर में 100% विदेशी निवेश को भी मंजूरी दे दी है। AGR की परिभाषा को बदलते हुए इससे गैर टेलीकॉम रेवेन्यू को बाहर किया जाएगा। AGR में ब्याज को कम करके 2% सालाना किया गया है। इसके अलावा स्पेक्ट्रम की नीलामी अब 20 साल की जगह 30 साल के लिए की जाएगी।