अधिकारियों को शक हुआ तो उन्होंने ISRO से संपर्क किया और उस जमीन की 3 साल से अधिक की तस्वीरें हासिल कीं
नई दिल्ली। सरकार की नजर अब ऐसे लोगों पर है जो खेती से होने वाली कमाई की आड़ में टैक्स चोरी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ऐसे 50 लोगों की लिस्ट तैयार की है जिनकी कृषि आमद संदेह के दायरे में है। ये 50 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रहे हैं।
पिछले साल दिसंबर में पूर्व वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने संसद में इस बात का खुलासा किया था कि सरकार ऐसे टैक्सपेयर्स की जांच कर रही है जिन्होंने मार्च 2016 तक कृषि से 1 करोड़ रुपये से अधिक कमाई की घोषणा की है।
भारत में कृषि से होने वाली कमाई पर टैक्स नहीं लगता है, लेकिन कई बार बार लोग इसका इस्तेमाल कालेधन को सफेद करने के लिए करते हैं।
बहुत से भू-मालिक फर्जी बिलों के जरिए टैक्स छूट का दावा करते हैं और यह सिद्ध करते हैं कि बेचने से पहले उन्होंने इस पर खेती की। अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास ऐसे टैक्स चोरों से निपटने के लिए कारगर उपाय है।
डिपार्टमेंट इंडियन रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन (ISRO) से सैटलाइट तस्वीरें प्राप्त कर इस बात की जांच कर रहा है कि दावे के मुताबिक उस जमीन पर अवधि विशेष में फसल लगी थी या नहीं।
हाल ही में एक शख्स ने फार्मलैंड की बिक्री से आमदनी पर टैक्स छूट का दावा किया। यह छूट तभी मिलती है जब बिक्री से पहले कम से कम दो सालों तक इस पर खेती की गई है।
अधिकारियों को शक हुआ तो उन्होंने ISRO से संपर्क किया और उस जमीन की 3 साल से अधिक की तस्वीरें हासिल कीं। इस तरह डिपार्टमेंट यह पता लगाने में कामयाब रहा कि जमीन बंजर पड़ी थी और इस पर कोई फसल नहीं उगाई गई थी।
सरकार इकॉनमी को फॉर्मल बनाना चाहती है और इसके लिए टैक्स के दायरे को बढ़ाया जा रहा है। यह भी चर्चा है कि सरकार अमीर किसानों पर टैक्स लगा सकता है, लेकिन इसके लिए संवैधानिक संशोधन की जरूरत होगी।
नीति आयोग विजन डॉक्युमेंट में खेती से होने वाली आमदनी पर टैक्स लगाने की वकालत कर चुका है। हालांकि बाद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस तरह की किसी योजना से इनकार किया था।