GSTR-3B, जो कि सेल और पर्चेज के लिए सेल्फ असेसमेंट (आंकलन) फॉर्म है और इसे दिसंबर तक भरा जाना है
नई दिल्ली । सरकार ने शनिवार को कहा कि जीएसटी के अंतर्गत रिटर्न फाइलिंग की आखिरी समय सीमा को दिसंबर के बाद नहीं बढ़ाया जाएगा। साथ ही उन्होंने करदाताओं को सलाह दी कि वो समय से पहले रिटर्न फाइल कर दें और आखिरी समयसीमा का इंतजार न करें।
जीएसटीएन नेटवर्क में तकनीकी खामी की देखरेख के लिए गठित किए गए मंत्रिसमूह की पहली बैठक के बाद राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने पत्रकारों को बताया, “हमने जीएसटी फाइलिंग के लिए एक लंबी डेडलाइन (अंतिम समयसीमा) तय की है। कम से कम छह महीनों के लिए करदाताओं को खुद का आंकलन भरना होगा। इसमें इसके बाद कोई और इजाफा नहीं किया जाएगा।”
जीएसटी काउंसिल ने व्यवसायों को GSTR-3B, जो कि सेल और पर्चेज के लिए सेल्फ असेसमेंट (आंकलन) फॉर्म है और इसे दिसंबर तक भरा जाना है। उन्होंने आगे कहा, “शुरूआती तौर पर कुछ मुश्किलें हैं लेकिन इसमें कोई बड़ी विफलता नहीं है।
शुरुआती मुद्दों को सुलझाया जाना चाहिए। हमने एक प्लान ऑफ एक्शन तैयार किया है। सभी हितधारकों की मुश्किलों को समझने हेतु समस्याओं को दूर करने के लिए इन चुनौतियों पर काम करने की जरूरत थी।”
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने, जो कि जीओएम का नेतृत्व कर रहे हैं ने कहा कि इसकी तारीख 30 अक्टूबर ही रहेगी ताकि जीएसटी फाइल करने में जो तकनीकी खामियां लोगों को परेशान कर रही हैं उनमें से 70 से 80 फीसद समस्या को सरकार सुलझाया सके।
उन्होंने कहा, “आखिरी समय सीमा से 3-4 दिन पहले रिटर्न फाइलिंग के दौरान साइट पर हैवी ट्रैफिक देखने को मिलता है। मैं करदाताओं से अपील करता हूं कि वो आखिरी तारीख का इंतजार न करें। 30 अक्टूबर तक 70 से 80 फीसद समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।”