पाम ऑयल मिशन: अब खाद्य तेलों के आएंगे अच्छे दिन, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल पाम ऑयल मिशन (National Palm Oil Mission) को मंजूरी दे दी है। अब अगले 5 साल में 11,040 करोड़ रुपये के निवेश से पाम ऑयल मिशन उत्तर-पूर्वी राज्यों में 3.28 लाख हेक्टेयर और शेष भारत में 3.22 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में चलाया जाएगा। देश में पाम ऑयल पौधारोपण कार्यक्रम के तहत 6.5 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को शामिल किया जा सकता है। सरकार के इस प्रयास को खाद्य तेलों के कारोबारी काफी सराह रहे हैं।

खाद्य तेलों के आएंगे अच्छे दिन दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स असोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता का कहना है कि यदि देश में पाम ऑयल का उत्पादन होने लगेगा, तो ‘अच्छे दिन’ आएंगे। पिछले कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों के दामों में तेजी चल रही है। अपने देश में सालाना 200 लाख टन खाद्य तेल की खपत होती है। इसमें 150 लाख टन के लिए आयात पर निर्भर होना पड़ता है। यानि हम सिर्फ 25 प्रतिशत उत्पादन अपने देश में कर पाते हैं। इसी के चलते इंटरनैशनल मार्केट में खाद्य तेलों के रेट्स में उतार-चढ़ाव का असर भारतीय बाजारों पर पड़ता है।

खाद्य तेलों में तेजी का कारण चीन : हेमंत ने बताया कि खाद्य तेलों की तेजी का मुख्य कारण चीन भी है। पिछले एक साल में चीन ने अपनी खपत से करीब 4 गुना अधिक तेल खरीद लिया है। दूसरा भारत में इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम ऑयल काफी आयात किया जाता है। कोविड-19 की वजह से वहां के उत्पादन पर फर्क पड़ा, जिससे कमी महसूस हुई। देश में शिकागो, अमेरिका और अर्जेंटीना से सोयाबीन का तेल आता है। वहां भी मौसम खराब रहा और फसल कमजोर रही। लंबे समय तक बंदरगाहों पर हड़ताल रही, जिसके चलते माल की डिलिवरी लेट हुई।

अब सरकार देश में पाम ऑयल पौधारोपण कार्यक्रम शुरू करेगी, जिससे आने वाले समय में हमारी विदेशी निर्भरता कम होगी। किसानों को रोजगार मिलेगा। छोटे और मध्यम वर्गीय व्यापारियों को काम मिलेगा। अभी देश में सरसों, सोयाबीन और बिनौला तेल की मुख्य फसल है।

खाद्य तेलों के व्यापारियों को मिलेगा प्रोत्साहन : खारी बावली सर्व व्यापार मंडल के चेयरमैन राजीव बत्रा का कहना है कि सरकार के फैसले से यकीनन खाद्य तेलों के व्यापारियों को प्रोत्साहन मिलेगा। 8-9 महीनों से पाम ऑयल की कमी से देश में खाद्य तेलों के दाम दोगुने बढ़ गए हैं। इसकी बड़ी मार गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार झेल रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान इंडोनेशिया और मलेशिया से भी पाम ऑयल का इंपोर्ट नहीं हुआ। यदि भविष्य में भारत खुद पाम ऑयल का प्रोडक्शन करने लगेगा, तो खाद्य तेलों के दामों में अच्छी गिरावट देखने को मिलेगी। इससे भारत आत्मनिर्भर भी बनेगा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना भी है। सरकार का कदम प्रशंसनीय है।