सर्राफा बोर्ड कोटा ने लोकसभा अध्यक्ष को बताया
कोटा। देशभर के ज्वैलर्स केन्द्र सरकार की ग्राहकों को शुद्धता की गारंटी देने वाली महत्ती योजना हॉलमार्क का तो स्वागत कर रहे हैं, परन्तु इसके साथ ही हर जेवर पर एचयूआईडी कोड लगाने की जटिल प्रक्रिया से परेशान भी हो रहे हैं। इन्हीं परेशानियाें को सरकार से दूर कराने के लिए श्री सर्राफा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आनंद राठी के नेतृत्व में ऑल इंडिया ज्वैलर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल और बोर्ड के पदाधिकारी योगेश सोनी ‘मोनी’ ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट की।
सर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल विचित्र ने बताया कि केन्द्र सरकार ने पूर्व में ही स्पष्ट कर दिया है कि हॉलमार्क के साथ ही हर जेवर पर एचयूआईडी करवाना जरूरी होगा। इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा। परंतु हॉलमार्क करवाने में अव्यवहारिक रुप से बनाए गए कानूनों के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसे दूर कराने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को दोबारा ज्वैलर्स फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया था।
उन्होंने बताया कि बिरला ने समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और इसके निराकरण हेतु उपभोक्ता मामलात मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष रखने के लिए गुरुवार को पुनः बुलाया है।
राठी ने बताया कि पुराने स्टॉक पर हॉलमार्किंग करवाने में मात्र दस दिन शेष बचे हैं और व्यापारियों के पास लाखों की संख्या में छोटे- बड़े जेवर हैं, जबकि हॉलमार्क सेंटर बहुत कम है। इसलिए पुराने स्टॉक पर हॉलमार्क करवाने की अवधि एक वर्ष बढ़ाई जाए।
उन्होंने कहा कि अभी जेवरों के लॉट पर ही हॉलमार्किंग होती है। अनेक बार मांगलिक कार्यों में एक दो जेवर बिकते हैं, जिन पर हॉलमार्किंग करवाना नामुमकिन है। अतः एक दो जेवर पर भी हॉलमार्क करवाने की व्यवस्था की जाए। अक्सर ग्राहकों की मांग पर जेवर में तब्दील किया जाता है, जिससे हॉलमार्क वाले जेवर का वजन में बदलाव संभव है। इसलिए ऐसे जेवर पर पुराने हॉलमार्क की ही मान्यता रखी जाए।
पांच ग्राम तक के जेवर पर हॉलमार्किंग में छूट दी जाए
राठी ने बताया कि पांच ग्राम तक के वजन वाले जेवर पर हॉलमार्किंग करवाने की अनिवार्यता में छूट दी जाए। हॉलमार्क एवं एचयूआईडी करवाने की अनिवार्यता प्रथम बिंदु पर ही लागू हो चाहे वो आभूषण निर्माता हो या थोक या रिटेल विक्रेता।
रिटेलर को कम से कम कानूनी खानापूर्ति करनी पड़े
उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से बीआईएस पोर्टल से किसी भी प्रकार की सूचना सार्वजनिक नहीं हो, ऐसी व्यवस्था बनाने की जरूरत है। साथ ही रिटेलर को कम से कम कानूनी खानापूर्ति करनी पड़े। इसलिए इस कानून को सरलीकरण करने की आवश्यकता है। प्रतिनिधिमंडल में फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा सहित विभिन्न प्रदेशों से आए ग्यारह पदाधिकारी शामिल थे।