-कई दिनों बाद भी व्यवस्था पटरी पर नहीं आने पर लोकसभा अध्यक्ष ने जताई नाराजगी
कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सांगोद और इटावा सहित कोटा-बूंदी के ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ जलभराव हम सब के लिए एक सबक होना चाहिए। प्रशासन इस स्थिति को वीडियोग्राफी करवाकर इसको एक केस स्टडी में ले तथा भविष्य में ऐसी किसी आपदा को आने से पूर्व ही रोकने की तैयारी करे। वे रविवार सुबह कोटा व बूंदी के जिला कलक्टर तथा अन्य अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा कर रहे थे।
बिरला ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव का मुख्य कारण ड्रेनेज की समुचित व्यवस्था नहीं होना है। अधिकारी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पानी भरने के कारणों की जांच कर उसकी निकासी की समय रहते व्यवस्था करें। आपदा आने के बाद प्रयास प्रारंभ करना चुनौती से पार पाने का सही तरीका नहीं है। इसमें नुकसान सिर्फ आमजन का होता है।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने साफ शब्दों में कहा कि वे खुद प्रभावित क्षेत्रों में गए हैं। काफी नुकसान हुआ है, फसलों में पूर्ण खराबा है। मकान धराशायी हो गए हैं, जो क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें भी गिराकर नया ही बनाना पड़ेगा। ऐसे में 100 प्रतिशत नुकसान हुआ है। अधिकारी नुकसान का सर्वे शीघ्र करवाएं, जिससे लोगो को अधिकतम लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के मकान टूटे हैं उनका सर्वे करवाए साथ ही, सर्वे में चिन्हित लोग यदि आवास प्लस एप्प में सूचीबद्ध है ऐसे लोगों को प्राथमिकता से आवास उपलब्ध करवाएँ।
बिरला ने कहा कि सड़कें टूट गई हैं, कई जगह बडे-बडे गड्ढ़े हो गए हैं। इनकी भी जल्द मरम्मत करवाने की आवश्यकता हे। उन्होंने कहा कि सड़कों को जो नुकसान हुआ है, उसके प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार यदि केन्द्र सरकार को भेजती है तो सभी प्रस्तावों को मंजूर करवाकर अधिकतम राशि दिलवाएंगे।
सीएडी को नहीं पता पानी कहां से आता है
बिरला ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सीएडी इतना बड़ा विभाग है लेकिन उसके अधिकारियों को यह भी नहीं पता कि गांवों में पानी कहां से आता है और उसकी निकासी का क्या रास्त है। विद्युत विभाग अभी तक कई गांवों में विद्युत तंत्र करे दुरूस्त नहीं कर पाया है, जबकि कई राज्यों में तूफान आने के बाद भी 7 दिनो में व्यवस्थाएं पटरी पर आ जाती हैं।
आश्रय स्थलों पर करें समुचित इंतजाम
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन लोगों को आश्रय स्थल पहुंचाया गया है, वहां उन्हें सभी सुविधाएं मिलें। जो लोग अब भी अपने घरों में या अन्य स्थानों में शरण लिए हुए हैं उनके लिए भी भोजन और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की समुचित व्यवस्था की जाए।
ये आये सुझाव-
रामगंजमण्डी विधायक मदन दिलावर ने क्षेत्र में नालों व नदियों में कचरा डालकर अतिक्रमण होने से पानी अवरूद्ध का स्थाई समाधान करने, किसानों के कृषि बीमा की कटौती की सूचना बैंकों द्वारा समय पर भिजवाने का सुझाव दिया। के.पाटन विधायक चन्द्रकांता मेघवाल ने क्षेत्र में जलभराव तथा वर्षाजनित घटनाओं के कारण हुए नुकसान में राहत के साथ भविष्य में पुनार्रावृति रोकने के लिए कार्ययोजना बनाने की बात कही।
कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने अनंतपुरा, तलवंडी एवं शहर में स्टेशन आदि क्षेत्रों में जमा पानी का स्थाई समाधान कर क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरूस्त करवाने के निर्देश दिए। लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने कंसुआ क्षेत्र में पानी भराव तथा गिरदरपुरा, गोवर्धनपुरा जैसे दर्जनों गांवों में नगर निगम में आने के बाद भी पानी निकासी नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कोलाना पंचायत में पुलिया क्षतिग्रस्त होने से रास्ता रूकने से ग्रामीणों के सामने आ रही परेशानी बताते हुए कहा कि कोई भी अधिकारी अभी तक मौके पर नहीं गया है।
बूंदी विधायक अशोक डोगरा ने नैनवा रोड़ के तालाब पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने व राहत कार्यों के संबंध में भी सुझाव दिये। पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने किसानों के मिडटर्म बीमा प्रस्ताव तथा क्रॉप कंटिंग के आधार पर पूर्ण राहत के प्रस्ताव तैयार करने का सुझाव दिया।
आठ हजार किसानों के फसल बीमा खराबा के प्रस्ताव तैयार
संयुक्त निदेशक कृषि रामअवतार शर्मा ने बताया कि अब तक आठ हजार किसानों के फसल बीमा खराबा के प्रस्ताव तैयार करा लिये गये हैं। जिले में 2 लाख 53 हजार 269 किसानों को फसली बीमा योजना में पंजीकृत किया हुआ है। बूंदी में 4 लाख 69 हजार किसान फसली बीमा योजना में पंजीकृत हैं। जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़, बूंदी जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने जिले में राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में जानकारी दी।
1150 किमी. की 347 सड़कें क्षतिग्रस्त
अधीक्षण अभियंता सा.नि.वि. राजेश सोनी ने बताया कि जिले में 1150 किमी. की 347 सड़केंक्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनके 7.50 करोड़ के प्रस्ताव तैयार किये गये हैं। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता, पुलिस अधीक्षक शहर डॉ विकास पाठक, ग्रामीण शरद चैधरी सहित कोटा एवं बूंदी जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, रेल्वे एवं दूरसंचार विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।