फोर्ब्स में फीचर हुआ कोटा का आयु एप, भारत में घर-घर पहुंचा रहा दवाइयां

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कोटा। कोचिंग सिटी कोटा में तीन युवाओं द्वारा शुरू किया गया स्टार्टअप देश ही नहीं दुनिया में पहचान स्थापित कर रहा है। छोटे शहरों और गांव-कस्बों में घर-घर दवाई और चिकित्सकों का परामर्श पहुंचाकर लोगों की मदद कर रहे इन युवाओं के स्टार्टअप आयु की सेवाओं को सराहना मिल रही है। इसे एक सफल स्टार्टअप करार देते हुए ख्यातनाम मैग्जीन फोर्ब्स द्वारा स्टार्टअप स्पेशल में स्थान दिया गया है। तीनों युवाओं द्वारा शुरू किए गए इस स्टार्टअप के बारे में मेगा स्टोरी कवर करते हुए, देश के 375 शहर, गांव व कस्बों में सेवाएं देने के रिकॉर्ड को शामिल किया गया है।

मेड्कॉर्ड्स आयु के को-फाउंडर श्रेयांस मेहता, निखिल बाहेती और सैदा धनावत द्वारा ने बताया कि देश में इस समय कोविड की विपरीत परिस्थितियां हैं और इसमें हम लोगों के काम आ पा रहे हैं ये हमारे लिए मानवता की सेवा का सबसे बड़ा मौका है। यही नहीं देश में कोविड की तीसरी लहर को लेकर भी आशंका जताई जा रही है, ऐसे में आयु द्वारा सेवाओं की गुणवत्ता को और अधिक बेहतर करने पर विचार किया जा रहा है। हम कोशिश कर रहे हैं कि देश में कहीं भी एक घंटे में लोगों के घर तक मेडिसिन पहुंचा सकें। यही नहीं आधे घंटे के अंदर चिकित्सकों का परामर्श उपलब्ध करवा सकें।

उल्लेखनीय है कि आयु एप के जरिए कोटा के श्रेयांश मेहता, निखिल बाहेती और सैदा धनावत ने 25 हजार से ज्यादा मेडिकल स्टोर का ऐसा विशाल नेटवर्क तैयार किया है. जिसके बूते एप की टीम महज एक घंटे से भी कम समय में घर-घर दवाओं की होम डिलेवरी कर रही है. जयपुर ही नहीं राजस्थान के इतर देशभर के 15 राज्यों के 35 लाख परिवार अब इस एप से घर बैठे दवाएं हासिल कर रहे हैं. इतना ही नहीं सिर्फ 15 मिनट में ये एप देश के 5000 से ज्यादा नामी स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कंसल्टेंसी भी घर बैठे मुहैया करवा रहा है। श्रेयांस ने बताया कि हमारा लक्ष्य देश के हर व्यक्ति, परिवार को डिजिटल हेल्थ केयर उपलब्ध करवाना है।

ऐसे शुरू किया स्टार्टअप
मेहता ने बताया कि हम तीन दोस्तों ने मई 2017 में यह एप शुरू किया गया। हमारी शुरुआत जमीनी अध्ययन के साथ हुई है। इसके लिए 75 हजार किलोमीटर की यात्रा की गई, 800 से ज्यादा गांव-कस्बों के अस्पतालों का दौरा किया गया। जाना कि लोगों को किस तरह की परेशानियां आ रही है। उनके सामने स्वास्थ्य सेवाएं लेने के लिए क्या चुनौतियां हैं। इसके बाद चिकित्सकों से सलाह की, उनकी चुनौतियां समझी और यह शुरूआत की गई।