केरल पहुंचा मानसून, जून के आखिरी सप्ताह तक राजस्थान में देगा दस्तक

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नई दिल्ली/जयपुर । दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने दो दिन की देरी से गुरुवार को केरल में दस्तक दी। केरल में मॉनसून का पहुंचने के साथ देश में बारिश के चार महीने के मौसम की शुरुआत हो गई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्र ने कहा, ”दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने केरल के दक्षिणी हिस्सों में दस्तक दे दी है।”

केरल में आमतौर पर दक्षिणपश्चिम मॉनसून 1 जून तक पहुंचता है। मौसम विभाग की तरफ से जारी मैप के अनुसार दस्तक देने के एक दिन बाद ही यह तेजी से पूर्वोत्तर भारत की तरफ बढ़ेगा। 10 जून तक इसके महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पहुंचने के आसार है।

जून के मध्य तक आधे देश को कर लेगा कवर
जून के मध्य तक जैसे-जैसे दक्षिण-पश्चिम मानसून आगे बढ़ेगा यह पूरे महाराष्ट्र, दक्षिण गुजरात, मध्य और दक्षिण मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से, झारखंड और दक्षिण ओडिशा को कवर कर लेगा। इसके साथ ही उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में भी मॉनसून की बारिश होगी। जुलाई के मध्य तक यह पूरे देश में पहुंच जाता है।

जून के आखिरी सप्ताह में मध्य गुजरात व राजस्थान में दस्तक
जून के आखिरी सप्ताह में यह मध्य गुजरात, मध्य व दक्षिणी राजस्थान, दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के निचले इलाकों व लद्दाख के दक्षिणी क्षेत्र को कवर कर लेगा। जुलाई के पहले सप्ताह में यह राजस्थान के उत्तर-पूर्वी इलाकों में दस्तक देगा।

आज इन इलाकों में आगे बढ़ा मॉनसून
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून दक्षिण अरब सागर के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप क्षेत्र, दक्षिण केरल, दक्षिण तमिलनाडु, कोमोरिन के शेष हिस्सों-मालदीव क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों में आज आगे बढ़ गया है। आईएमडी के डीजीएम डॉ एम महापात्र ने बताया की सेकेंड स्टेज में दक्षिण पश्चिम मॉनसून सीजन (जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर) 2021 के दौरान देश भर में सामान्य, सामान्य से कम और सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है।

अगले दो दिन में जानें कहां-कहां देगा दस्तक
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 2 दिनों के दौरान दक्षिण पश्चिम मॉनसून दक्षिण और मध्य अरब सागर के शेष हिस्सों, केरल और लक्षद्वीप के शेष हिस्सों, तमिलनाडु और पुडुचेरी के कुछ हिस्सों, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों, रायलसीमा और दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना है।