नई दिल्ली। अर्जेन्टीना में गर्मी की वजह से लगभग 2000 हेक्टेयर में लगी फसल झुलस गई, जबकि ब्राजील में अधिक बरसात की वजह से सोयाबीन उत्पादन के आंकड़े कम रहने की संभावना है। ऐसी स्थिति में वैश्विक स्तर पर खाद्य तेलों विशेष्र तौर पर हल्के तेलों की मांग बढ़ी है। निर्यात मांग बढ़ने से भारत में मूंगफली तेल कीमतों में सुधार आया। पामोलीन की वैश्विक मांग होने के बीच सीपीओ और पामेलीन तेल कीमतों में भी सुधार।*
घरेलु बाजार में सोयाबीन की आवक ज्यादातर हो चुकी है। आगे हाज़िर बाजार में सोयाबीन की आवक घटती जाएगी। सोया डीओसी का निर्यात पिछले साल की तुलना में बढ़ा होने से सोयाबीन की सप्लाई पहले से ही टाईट हो चुकी है। सोया डीओसी के लिए निर्यात की थोड़ी मांग निकलेंगी तो यहा से बाजार में नई तेजी आने की संभावना है। सोया तेल के भाव फिलहाल बहुत उच्च स्तर पर है इसलिए यदि किसी कारण पाम तेल के भाव घटते है तो भी सोयाबीन के भाव में मंदी आने की संभावना कम है। अगले 2-3 महीनो में दुनिया में कोई खाद्य तेल सस्ता होने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है।
खाद्य तेलों के भाव लगातार बढ़ रहे है सरकार द्वारा इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी की संभावना पर फिलहाल बाजार में चर्चा हो रही है। लेकिन बढ़ते बाजार में ऐसी चर्चा स्वाभाविक है। वर्तमान में सोयाबीन वायदा के भाव हाज़िर बाजार के तुलना में कम है इसलिए वायदा में आकर्षण चालू रहेंगा आपूर्ति-मांग और अंतरराष्ट्रीय कारणों को देखते हुए सोयाबीन, सोया तेल और सोया डीओसी में तेजी का दौर आगे भी जारी रहने की संभावना है।