तिल की पैदावार इस बार 8 लाख मीट्रिक टन से ऊपर पहुंचने का अनुमान

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नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2020-21 के सीजन में तिल का घरेलू उत्पादन बढ़कर 8.12 लाख टन के ऊंचे स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जो नियत लक्ष्य 10.28 लाख टन से काफी कम मगर 2019-20 सीजन के उत्पादन 6.58 लाख टन से बहुत अधिक है। इससे पूर्व मंत्रालय ने तिल का उत्पादन 2018-19 में 6.89 लाख टन, 2017-18 में 7.55 लाख टन, 2016-17 में 7.47 लाख टन तथा 2015-16 में 8.50 लाख टन आंका था। इस तरह चार वर्षों के बाद तिल की पैदावार 8 लाख टन से ऊपर पहुंचने की संभावना व्यक्त की गई है। तिल की खेती खरीफ और रबी- दोनों सीजन में होती है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2020-21 के खरीफ सीजन में राष्ट्रीय स्तर पर तिल का उत्पादन क्षेत्र 13.64 लाख हेक्टेयर से 2.70 प्रतिशत बढ़कर 14.01 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल 13.60 लाख हेक्टेयर से 41 हजार हेक्टेयर अधिक रहा। चालू रबी सीजन में जनवरी 2021 के अंत तक महज 48 हजार हेक्टेयर में तिल की बिजाई संभव हो सकी थी जो गत वर्ष की समान अवधि के क्षेत्रफल 60 हजार हेक्टेयर से कम रही।

तिल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2019-20 के 6485 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2020-21 के सीजन हेतु 6855 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है जबकि थोक मंडी भाव इससे काफी ऊपर चल रहा है। भारत से चीन, जापान, दक्षिण कोरिया एवं इंडोनेशिया सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देशों को तिल का बड़े पैमाने पर निर्यात होता है। भारत तिल के प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देशों की सूची में शामिल है।