अब पान व किराना की दुकान में लग सकेंगे वाई-फाई बूथ, कैबिनेट की मंजूरी

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नई दिल्ली। जल्द ही देश भर में पब्लिक टेलीफोन बूथ की तरह पब्लिक वाई-फाई बूथ की शुरुआत हो जाएगी। इस काम के लिए पीएम वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) नामक इको सिस्टम तैयार किया जाएगा। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने पीएम-वानी को अपनी मंजूरी दे दी।

सरकार के इस फैसले से 4जी नेटवर्क से वंचित इलाके के उपभोक्ता भी हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा ले सकेंगे। वहीं, ग्रामीण व दूरदराज के इलाके के लोगों को इंटरनेट के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सामान की खरीद-फरोख्त जैसी सुविधाएं मिल जाएंगी।

सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि डिजिटल सशक्तीकरण के तहत यह फैसला लिया गया है। जल्द ही इस पीएण-वानी को देश भर में शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने उदाहरण स्वरूप कहा कि पहले के पब्लिक टेलीफोन बूथ की तरह लोग पान की दुकान पर जाकर वाई-फाई की सुविधा ले सकेंगे।

पीएम-वानी इको सिस्टम से पब्लिक डाटा ऑफिस (PDO), पब्लिक डाटा ऑफिस एग्रीगेटर (PDOA), एप प्रोवाइडर और सेंट्रल रजिस्ट्री जुड़े होंगे। पीडीओ पेड पब्लिक वाई-फाई एक्सेस प्वाइंट स्थापित कर सकेंगे। पीडीओए पीडीओ के संचालन व उनका लेखाजोखा रखेंगे। एप प्रोवाइडर उस एप को डेवलप करेंगे जिसकी मदद से यूजर्स पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल कर पाएंगे। सेंट्रल रजिस्ट्री इन सब पर निगरानी रखेगी जो सी-डॉट का हिस्सा होगी।

पीडीओ पीडीओए व एप प्रोवाइडर्स को ऑनलाइन माध्यम से दूरसंचार विभाग से पंजीयन के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। प्रसाद ने बताया कि सात दिन के भीतर पंजीयन की मंजूरी नहीं मिलने पर उन्हें पंजीकृत मान लिया जाएगा। पंजीकृत पीडीओ छोटी-छोटी दुकानों पर अपने प्वाइंट बनाएंगे जहां आम लोग जाकर अपनी जरूरत के हिसाब से वाई-फाई का इस्तेमाल कर सकेंगे।

यूजर्स को बदले में इस्तेमाल के बदले शुल्क का भुगतान करना होगा। हालांकि सरकार की तरफ से अभी शुल्क को लेकर आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक वाई-फाई की सुविधा 2-20 रुपए के पैक में हो सकती है। इस प्रकार की सुविधा शुरू होने से वाई-फाई एक्सेस व उसके रखरखाव के काम में छोटी-छोटी कंपनियां आगे आएंगी।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने तीन साल पहले पेड पब्लिक वाई-फाई बूथ का प्रस्ताव मसौदा टेलीकॉम विभाग के समक्ष रखा था। ट्राई का कहना था कि देश में एक करोड़ वाई-फाई हॉट स्पाट लगाने की दिशा में यह कदम कारगर होगा और इससे उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।

लक्षद्वीप के 11 द्वीप को ब्राडबैंड से जोड़ने की मंजूरी: प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने लक्षद्वीप के 11 द्वीप को सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) के जरिए ब्राडबैंड से जोड़ने की मंजूरी दे दी। इस परियोजना के अमल की अनुमानित लागत 1072 करोड़ रुपये बताई गई है। सभी द्वीप पर ब्राडबैंड इंटरनेट की सुविधा होने से वहां पर्यटन का और विकास होगा और नए रोजगार निकलेंगे। सबमरीन कनेक्टिविटी परियोजना नागरिकों को उनके घर पर ही ई-सुशासन सेवाओं की डिलीवरी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।