राजस्थान में दीपावली पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध

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जयपुर । कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार राजस्थान सरकार ने दीपावली और दशहरे पर पटाखों के जलाने पर इस बार पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। हमारा भी नैतिक कर्तव्य है कि हम सरकार की गाइडलाइन की पालना करें। अपनी खुशी के लिए लोगों को गहरी तकलीफ में नहीं डालें। विशेषज्ञों की राय भी है कि इस बार पटाखे नहीं जलाकर लाेगों की जिंदगियों को खतरे में डालने के गुनहगार नहीं बनें।

कोरोनाकाल में लंग्स इंफेक्शन के केस तेजी से बढ़े हैं। कोरोना संक्रमित होने से लेकर निगेटिव आ जाने के बाद भी वायरस का असर रहता है और फेफड़े कमजोर रहते हैं। शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। ऐसे में पटाखे जलाकर हम सल्फर डाइआक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनो डाइऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें ही पैदा करेंगे और ऑक्सीजन बहुत कम कर देंगे।

राजर्षि कॉलेज के रसायन शास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रामानंद यादव का कहना है कि एक फुलझड़ी करीब 70 सिगरेट और एक अनार करीब 35 सिगरेट के बराबर धुआं फैलाता है। एक छोटा पटाखा 10 लीटर और बड़ा पटाखा 100 लीटर ऑक्सीजन को खत्म कर देता है। पर्यावरण में इससे ऑक्सीजन का लेबल कम हो जाता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में हर साल प्रदूषण से 70 लाख लोगों की मौत होती है। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि पटाखे कितने खतरनाक हैं

कोरोना के साथ काॅर्डियक, अस्थमा, ब्लड प्रेशर और सांस के रोगी, गर्भवती महिलाओं व बच्चों को जोखिम है। तेज धमाकों से सुनने की शक्ति कम हो जाती है। लोगों की आंखों में जलन, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। अस्थमा जैसी बीमारी हो जाती है। भारी पार्टिकल्स जैसे लैड सल्फर, कोबाल्ट, मरकरी, मैग्नीशियम, बेरियम, स्क्रोल सीएम आदि निकलते हैं। ये फेफड़ों पर बुरा प्रभाव डालते हैं।

पटाखों में इस्तेमाल जहरीले रसायन खतरनाक
पटाखों में इस्तेमाल रसायन बेहद खतरनाक है। कॉपर, कैडियम, लेड, मैग्नेशियम, सोडियम, जिंक, नाइट्रेट और नाइट्राइट जैसे रसायन का मिश्रण पटाखों को घातक बना देते हैं। इससे 125 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि होती है। इसका धुआं हवा खराब करता है। श्वास नली में रुकावट, गुर्दे में खराबी और त्वचा संबंधी बीमारियां हो जाती हैं।

इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक का भी खतरा रहता है। मानसिक अशांति और घबराहट के साथ उल्टी होना आम बात है। कई बार नर्वस सिस्टम भी गड़बड़ा जाता है। विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है- खुशियां जाहिर करने के लिए आतिशबाजी करेंगे तो अपनों को खतरें में डालेंगे, कम से कम कोरोनाकाल में पटाखे ना चलाएं।