नई दिल्ली। मोदी सरकार गंगा को गंदा करने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने के मूड में है। ऐसे में मोदी सरकार सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में गंगा सफाई को लेकर एक बिल लेकर आ रही है, जिसके तहत गंगा में प्रदूषण करने और उसके प्रवाह को बाधा डालने वालों के खिलाफ अधिकतम 50 करोड़ रुपए तक जुर्माने और 5 साल की जेल भेजा जा सकता है।
जलशक्ति मंत्रालय ने बिल का मसौदा तैयार कर लिया है और इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। मंत्रालय के मसौदे के तहत केंद्र सरकार गंगा को बचाने के लिए एक खास पुलिस फोर्स भी तैयार करेगी. इसके अलावा प्रधानमंत्री की देख रेख में नेशनल गंगा काउंसिल भी बनाया जाएगा. पीएम के अलावा इस काउंसिल में उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और झारखंड के मुख्यमंत्री भी होंगे।
किन आधार पर तय होगी दोषी
- जलशक्ति मंत्रालय के मसौदे में 13 खंड बनाए गए है, जिसने आधार पर सजा तय होगी।
- गंगा के आसपास गैरकानूनी निर्माण कार्य करना
- पानी के बहाव को रोकना या उसके पानी को इकट्टा करना
- गंगा नदी में गंदगी फैलाना
- नदी के तट पर रहने के लिए घर या बिजनेस के लिए कोई निर्माण करना
- नदी का खनन करना
- गंगा के आसपान ग्राउंड वाटर निकलना
- गंगा का घाटों को नुकसान पहुंचाना
- गंगा काउंसिल भी बनेगी