खामी: कोई भी बदल सकता है आपका Whatsapp मेसेज

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नई दिल्ली। इंस्टैंट मेसेजिंग ऐप वॉट्सऐप में एक नई गड़बड़ी का पता चला है। ऐप में आई खामी से वॉट्सऐप यूजर्स परेशानी में पड़ सकते हैं। जानी-मानी इजरायली साइबर सिक्यॉरिटी फर्म चेकपॉइंट ने कहा कि वॉट्सऐप की इस खामी से गलत इन्फर्मेशन और फेक न्यूज को फैलाने के साथ ही ऑनलाइन स्कैम में भी हैकर्स को काफी मदद मिल सकती है। वॉट्सऐप में आई इस गड़बड़ी के कारण दुनियाभर के यूजर्स की चिंता बढ़ गई है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

रिसर्चर्स ने वॉट्सऐप की इस खामी को एक टूल के जरिए बताने की कोशिश की है। इस टूल के इस्तेमाल से यह बताया गया है कि कैसे हैकर्स प्राइवेट और ग्रुप चैट को हैक कर सकते हैं। साथ ही अगर ग्रुप चैट के दौरान यूजर किसी ग्रुप मेंबर को प्राइवेट मेसेज भेजते हैं, तो यह उस मेसेज को प्राइवेट की जगह सभी ग्रुप मेंबर्स के लिए विजिबल कर देता है। इतना ही नहीं वॉट्सऐप के ‘quote’ फंक्शन के जरिए यह यूजर्स की पहचान बदलने के अलावा भेजे गए मेसेज को भी पूरी तरह बदल सकता है। इसमें उस मेंबर को भी ग्रुप का हिस्सा दिखाया जा सकता है जो कभी ग्रुप का हिस्सा था ही नहीं।

जहां तक मेसेज के बदलने की बात है तो वॉट्सऐप की इस गड़बड़ी के कारण हैकर्स रिसीव या सेंड किए गए मेसेज के कॉन्टेंट को बड़ी आसानी से बदल सकते हैं। इसमें सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि ये हैकर्स इन मेसेज को अपनी मर्जी के अनुसार बदलकर कुछ भी कर सकते हैं। रिसर्चर्स ने इसका एक विडियो भी जारी किया है जिसमें यह समझाने की कोशिश की गई है कि कैसे यह यूजर्स के चैट को मैनिप्युलेट कर सकता है।

पिछले साल चल गया था पता
वॉट्सऐप की इस खामी का पता साल 2018 के आखिर में ही चल गया था, लेकिन उस वक्त कंपनी द्वारा इसे ठीक करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि वॉटसऐप के ग्रुप और प्राइवेट चैट में आई गड़बड़ी को ठीक किया जा चुका है जिसमें प्राइवेट मेसेज सभी ग्रुप मेंबर्स को दिखने लगते थे।

हालांकि, बाकी दो कमियों को अभी ठीक किया जाना बाकी है। वॉट्सऐप की पैरंट कंपनी फेसबुक ने इस बारे में रिसर्चर्स को बताया कि वॉट्सऐप कि बाकी दोनों कमियों को सीमित इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण ठीक नहीं किया जा सका है।

हैकर्स अब भी वॉट्सऐप मेसेज को बदलने साथ ही ऑनलाइन स्कैम को भी अंजाम दे सकते हैं। वॉट्सऐप ने इस बारे में अब तक कोई भी ऑफिशल बयान नहीं दिया है। हालांकि पिछले साल की चेकपॉइंट रिपोर्ट के जवाब में उसने ऐप में इस प्रकार की किसी भी गड़बड़ी को मानने से इनकार कर दिया था।