डाउट क्लीयर किए बिना सोता नहीं था- कार्तिकेय गुप्ता
कोटा। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के क्लासरूम स्टूडेंट कार्तिकेय गुप्ता ने जेईई एडवांस्ड परीक्षा-2019 में ऑल इंडिया प्रथम रैंक प्राप्त की है। महाराष्ट्र के छोटे से कस्बे चंद्रपुर निवासी कार्तिकेय इससे पहले जेईई मेन परीक्षा में 100 पर्सेन्टाइल स्कोर कर ऑल इंडिया 18वीं रैंक की तथा महाराष्ट्र स्टेट का सैकंड टॉपर रहा। इसी वर्ष 12वीं कक्षा 93.7 प्रतिशत अंकों से उत्त्तीर्ण की।
कार्तिकेय ने बताया कि आईआईटी मुम्बई में सीएस ब्रांच मिलने को लेकर निश्चिंत था लेकिन, ऑल इंडिया टॉप करूंगा, ऐसा नहीं सोचा था। मैं वर्ष 2017 से एलन में अध्ययनरत हूं। स्टूडेंट का लक्ष्य होता है आईआईटी में जाना और फैकल्टीज का लक्ष्य होता है स्टूडेंट को जेईई में सफलता दिलाना। पढ़ाई के दौरान कोई भी डाउट्स हो, टीचर्स हमेशा मदद के लिए तैयार रहते थे।
नियमित कोचिंग क्लास के अलावा 6 से 7 घंटे का शेड्यूल बनाकर सेल्फ स्टडी करता था। खुद का एनालिसिस करने के लिए मॉक टेस्ट भी देता था। परफॉर्मेन्स में सुधार के लिए एलन में होने वाले वीकली टेस्ट भी रेगुलर देता था। मैं रोजाना पढ़ाई के दौरान जो डाउट्स आते थे, उन्हें उसी दिन क्लीयर करता था। डाउट क्लीयर करने के बाद ही मैं रात को सोता था।
सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करता
मैं स्टूडेंट्स से कहना चाहूंगा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए शांत दिमाग रखकर तैयारी करें। आपका मुकाबला खुद से है। पढ़ाई को एंजॉय करें। जो भी विषय पढ़े, उसे मन से पढ़ें। सबसे मुख्य बात है टीचर्स की गाइडलाइंस को फॉलो करना। रेगुलर क्लास के बाद डेली का होमवर्क कम्पलीट करें। बेहतर होगा कि रोजाना की पढाई के लिए प्लानिंग करें। प्रत्येक दो घंटे के बाद खुद को रिलैक्स करें। सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करता।
सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता -निशांत अभंगी
जेईई एडवांस्ड में ऑल इंडिया छठी रैंक प्राप्त करने वाले एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के क्लासरूम स्टूडेंट निशांत अभंगी को यह सफलता रेगुलर स्टडी से मिली है। गुजरात के राजकोट निवासी निशांत इससे पूर्व जेईई मेन्स में ऑल इंडिया छठी रैंक हासिल कर राजस्थान स्टेट टॉपर रह चुका है। मुझे यह सफलता रेगुलर स्टडी से मिली है। सक्सेस के लिए हार्डवर्क जरूरी है। क्योंकि सक्सेस का कोई शॉर्ट कट नहीं होता।
रोजाना क्लासरूम में जो पढ़ाया जाता था, उस पर फोकस करते हुए टॉपिक्स को रिवाइज करता था। एक ही क्वेश्चंस को विभिन्न तरीकों से बार-बार सॉल्व कर प्रेक्टिस करता था। दो साल कोटा रहकर पढ़ाई कर चुके निशांत ने बताया कि यहां आकर लाइफ बदल जाती है। मैं वर्ष 2017 में कोटा आया था। पढ़ने वाले स्टूडेंट के लिए यहां सब कुछ है। टीचर्स बहुत अच्छे हैं, एजुकेशन फैसेलिटी बहुत है, माहौल बहुत अच्छा है।
जेईई का पेपर हर बार नयापन लिए होता है। इसलिए प्रश्नों की जितनी ज्यादा प्रेक्टिस की जाए, उतना ही कम है। मुझे खुद पर विश्वास था कि मैं कर सकता हूं। एलन में जो पढ़ाया, उसे रिवाइज करता गया। जेइई में फिजिक्स व कैमेस्ट्री के लिए एनसीईआरटी बेस्ड सिलेबस पर फोकस किया था। इसी वर्ष 12वीं कक्षा 97.8 प्रतिशत अंकों से उत्त्तीर्ण की है।
मैं इससे पूर्व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कर चुका हूं। आईजेएसओ, एपीएचओ व आईपीएचओ में गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुका हूं और 11वीं कक्षा से एपीएचओ में भारत के लिए गोल्ड मेडल लाने वाले पहले विद्यार्थी हूं।
पहले कमजोर थी, अब स्ट्रॉंग हो गई मैथ्स–कौस्तुभ दिघे
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के क्लासरूम स्टूडेंट कौस्तुभ दिघे ने जेईई एडवांस्ड में ऑल इंडिया 7वीं रैंक हासिल की है। कौस्तुभ जेईई मेन्स में ऑल इंडिया 55 रैंक प्राप्त कर चुका है। जेईई की तैयारी के साथ कौस्तुभ ने इसी वर्ष 12वीं कक्षा 97 प्रतिशत अंकों से उत्त्तीर्ण की है। हाल ही में जारी आईपीएचओ के परिणाम में कौस्तुभ का चयन इजरायल में होने जा रहे फाइनल राउण्ड के लिए हुआ है। जिसमें कौस्तुभ भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करेगा। इसके अलावा केवीपीवाय कवालिफाइड है।
कौस्तुभ ने बताया कि मैंने वर्ष 2017 में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट कोटा में एडमिशन लिया था। यहां आने से पहले मेरी मैथेमेटिक्स काफी कमजोर थी लेकिन फैकल्टीज के सहयोग से मैथ्स को लेकर जो मन में डर था, वो दूर हो गया। कौस्तुभ ने बताया कि कोटा स्टूडेंट्स के लिए बहुत सपोर्टिव है। यहां पढ़ाई करने के लिए सब कुछ है।
अच्छे स्टूडेंट्स का साथ और बेस्ट टीचर्स यहां है। यही कारण है कि हम हमेशा एग्जाम के लिए तैयार रहते हैं। जो भी क्लासरूम में पढाया गया उसमें जेईई एडवांस्ड का सिलेबस भी पूरी तरह कवर हो गया। स्मार्ट फोन था लेकिन, सोशल मीडिया का इस्तेमाल कभी नहीं किया।