नई दिल्ली। पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद की ओर से सीआरपीएफ के काफिले पर आंतकी हमले के बाद भारत सरकार पाकिस्तान पर चारों तरफ से दबाव बना रही है। भारत की ओर से पाकिस्ताव का मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा खत्म खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा वहां से आयात होने वाले सामान पर 200 फीसदी का शुल्क लगा दिया गया है। पाकिस्तान के खिलाफ की गई भारत की इस कार्रवाई का असर अब दिखने लगा है।
बॉर्डर से लौट रहे सामान लदे ट्रक
पाकिस्तान का एमएफएन का दर्जा खत्म होने के बाद भारत की ओर से लगाए गए 200 फीसदी आयात शुल्क के कारण पाकिस्तान की आर्थिक कमर टूटने लगी है। पाकिस्तान की ओर से भारत आने वाले सामान से लदे ट्रक दोगुना टैक्स होने के कारण बॉर्डर से वापस लौट रहे है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, छुआरे से लदे ट्रक भारत बॉर्डर से वापस लौट रहे हैं।
इससे अरबों रुपए का व्यापार ठप हो रहा है। इन ट्रकों के लौटने के कारण पाकिस्तान को रोजाना 50 से 60 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। भारत में सामान निर्यात नहीं होने के कारण पाकिस्तान के व्यापारियों में हाहाकार मच गया है।
बॉर्डर पर सड़ रहे हैं फल
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान से रोजाना सीमेंट और ताजा फलों का निर्यात भारत के लिए किया जाता है। लेकिन दोगुने टैक्स के कारण यह निर्यात नहीं हो पा रहा है। फलों और सीमेंट से लदे ट्रक बॉर्डर पर खड़े हैं। लेकिन आगे नहीं जा पाने के कारण यह फल ट्रकों में ही सड़ रहे हैं।
फलों की बिक्री नहीं होने के कारण पाकिस्तान के व्यापारियों को रोजाना करीब 20 से 30 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। यदि इसमें सीमेंट से होने वाले नुकसान को भी जोड़ लिया जाए तो यह करीब 100 करोड़ रुपए तक पहुंच जाता है।