नया एंटी करप्शन कानून लागू, रिश्वत देने वाले को होगी 7 साल की जेल

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नई दिल्ली । अब रिश्वत देने वालों को भी सात वर्षों तक की जेल हो सकती है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नये एंटी करप्शन कानून को मंजूरी दे दी है। इसके तहत रिश्वत देने वालों को सात वर्ष की अधिकतम जेल की सजा दी जा सकती है। साथ ही जनसेवकों जैसे नेताओं, नौकरशाहों और बैंकर्स आदि को अभियोजन से संरक्षण भी प्रदान किया गया है। अब जांच एजेंसी जैसे कि सीबीआई को अनिवार्य रूप से इनके खिलाफ जांच करने से पहले कंपिनेंट अथॉरिटी से मंजूरी हासिल करनी होगी।

एक सरकारी आदेश के अनुसार राष्ट्रपति ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन (अमेंडमेंट) एक्ट, 1988 को भी मंजूरी दे दी है। अगर किसी व्यक्ति या अन्य किसी के फायदे के लिए रिश्वत लेने या लेने की कोशिश के आरोप में मौके पर गिरफ्तार किया जाता है तो इस स्थिति में मंजूरी लेना जरूरी नहीं है। कानून के तहत ये संरक्षण रिटायर जनसेवकों को भी दिया जाएगा।

जानकारी के लिए बता दें कि संशोधित कानून के अनुसार जनसेवक को अनुचित फायदा देने या देने का वादा करने वाले व्यक्ति को सात वर्ष तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं। जिन व्यक्तियों को जबरन रिश्वत देनी पड़ती है, उन्हें सात दिन के भीतर कानून प्रवर्तन प्राधिकार या जांच एजेंसी को पूरे मामले की रिपोर्ट करनी होगी। बता दें कि रिश्वत लेने वाले के लिए संशोधित कानून में कम से कम तीन वर्ष और अधिकतम सात वर्ष की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।