भारत की सामाजिक पृष्ठभूमि और प्राकृतिक छटा इसे बनाती है अद्वितीय पर्यटन स्थल

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15वीं इंटरनेशनल कांग्रेस में बोलीं डॉ. अनुकृति शर्मा

कोटा। कोटा विश्वविद्यालय में वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और कौशल विकास केन्द्र की निदेशक डॉ. अनुकृति शर्मा ने जॉर्जिया में सोशल साइंस पर आयोजित 15वीं इंटरनैशनल कांग्रेस को संबोधित किया। वे बटुमी, जॉर्जिया में आयोजित कांग्रेस में अध्यक्षता करते हुए कीनोट स्पीकर के तौर पर बोलीं।

डॉ. अनुकृति ने “ट्यूरिज्म स्ट्रेटजी द रेस्ट ऑफ द वर्ड केन लर्न फ्रॉम इण्डिया” (Tourism Strategy the rest of the world can learn from India) विषय पर व्याख्यान दिया। वहीं डॉ. अनुकृति के तीन स्कॉलर डॉ. श्रुति अरोड़ा, दीपक खत्री और ओम गुंजल ने पेपर प्रजेंटेशन दिया।

डॉ. अनुकृति ने कहा कि पर्यटन के दृष्टिकोण से भारत हमेशा से बेहतर स्थान रहा है। चीनी यात्री ह्वेनसांग इसका एक महत्त्वपूर्ण उदाहरण हैं। भारत ऐसा देश है जहां एक दिन की यात्रा में पूरा मौसम बदला हुआ पा सकते हैं। यहाँ घूमना किसी भी विकसित देश के मुकाबले काफी सस्ता है।

इसके साथ ही भारत में कईं तरह के कल्चर, फूड और वेशभूषा की विशेषता देखने को मिलेगी। उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक…भारत और भारतीय लोग एक दूसरे से भिन्न हैं। प्राकृतिक आकर्षण भी दुनिया में लगभग अद्वितीय हैं। जिनमें प्राचीन वन, बर्फ से ढका हिमालय, पर्वतीय घास के मैदान, सुनहरे और सफेद रेगिस्तान, नदियाँ, झीलें, आर्द्रभूमि, मैंग्रोव, समुद्र तट, ज्वालामुखी और मूंगे शामिल हैं। इनमें जबरदस्त जैव विविधता है।

डॉ. अनुकृति ने कहा कि प्राकृतिक संपदा और विविधता के कारण भारत में पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं। भारत में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से पर्यटकों को आकर्षित करने की उत्कृष्ट क्षमता है। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक, देश की भौगोलिक परिस्थितियाँ पर्यटन के अवसरों के विकास के संबंध में प्रतिस्पर्धी बढ़त प्रदान करती हैं।

उन्होंने बताया कि भारत तेजी से अपने आप को पर्यटन के लिए विकसित कर रहा है। यही वजह है कि भारत की आर्थिक स्थिति में पर्यटन अच्छा खासा योगदान भी दे रहा है। वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में, भारत की अर्थव्यवस्था में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र का योगदान 15.7 ट्रिलियन रुपए था। वहीं इस साल के अंत तक ये 16.5 ट्रिलियन हो सकता है।