नई दिल्ली। मैक्रोइकोनॉमिक डेटा, ग्लोबल फैक्टर्स और विदेशी निवेशकों की ओर से शेयर बाजार में की जाने वाली खरीद-बिक्री इस हफ्ते घरेलू बाजार में अहम भूमिका निभा सकती है। ऐसा एनालिस्ट का कहना है।
पिछले हफ्ते वैश्विक नकारात्मक माहौल के बीच भी भारतीय शेयर बाजार ने अच्छा प्रदर्शन किया। शुक्रवार को बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर बंद हुए हैं। हालांकि, बड़ी बात यह रही कि बाजार में रैली के बावजूद संस्थागत निवेशक नेट सेलर्स बने हुए हैं।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च प्रमुख संतोष मीना का कहना है कि वैश्विक मोर्चे पर कच्चे तेल की कीमत, डॉलर इंडेक्स, अमेरिकी बॉन्ड्स यील्ड,अमेरिका का महंगाई के डेटा आदि काफी अहम फैक्टर्स होंगे।
वहीं, भारत का खुदरा महंगाई का आंकड़ा और डब्लूपीआई का आंकड़ा इस बार अहम होने वाला है। 12 सितंबर को सरकार की ओर से खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए जा सकते हैं।
जियोजित फाइनेंसियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख, विनोद नायर का कहना है कि बाजार महंगाई के डेटा का इंतजार कर रहा है। वैश्विक बाजार में नकारात्मक माहौल होने के बाद भी भारतीय बाजारों में तेजी जारी है। इसके पीछे बड़ा कारण मजबूत आर्थिक डेटा का होना है।
भारतीय बाजार में तेजी
पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली। इस वजह से बीएसई सेंसेक्स में 878.4 अंक या 1.34 प्रतिशत और निफ्टी में 384.65 अंक या 1.97 प्रतिशत का इजाफा हुआ था।