स्थानीय प्रशासन के पहले से जारी गाइडलाइन के एक बार फिर से सख्ती से लागू करने की बात दोहराई जाने के बीच पुलिस अधीक्षक (शहर ) शरद चौधरी ने जरूर महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा कि कोटा में अलग से स्टूडेंट थाना खोला जाएगा। इसके प्रस्ताव तैयार कर उच्च अधिकारियों को जल्द से जल्द भेजे जाएंगे।
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान की कथित कोचिंग सिटी कहे जाने वाले कोटा में कोचिंग छात्रों की बढ़ती घटनाओं से चिंतित राज्य सरकार के निर्देश पर प्रमुख शासन सचिव (शिक्षा) एवं राज्य स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष भवानी सिंह देथा ने कोटा के कोचिंग संचालकों को कड़ी फटकार लगाई।
श्री देथा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोचिंग संचालकों समेत कोटा के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में कोटा में बढ़ती कोचिंग छात्रों की सुसाइड की घटनाओं और उन्हे तनावमुक्त करने में विफल रहने के लिए कोटा की कोचिंग संचालकों को कड़ी फटकार लगाई।
श्री देथा ने जब कोचिंग संचालकों से छात्रों के आत्महत्या करने के कारणों के बारे में पूछा तो कोचिंग संचालक इधर-उधर के अन्य कई उदाहरण देते हुए नजर आए जिसे सुनकर श्री देथा और नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि सीधे सवाल का सीधा जवाब दें। बातों को घुमा फिराने की कोशिश नहीं करें।
श्री देथा ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि कोटा के कोचिंग संचालक राज्य सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन की पालना नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बैठक में मौजूद पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए न केवल मौजूदा गाइडलाइन की कड़ाई से पालना करवाई जाए, बल्कि कोचिंग छात्रों में तनाव को कम करने के लिए स्थाई कार्य योजना तैयार की जाए। बैठक में यह तय हुआ कि राज्य स्तरीय समिति द्वारा 2 सितंबर को कोटा में बैठक आयोजित की जाएगी।
इस बैठक के बाद मीडिया को उपलब्ध करवाई गई जानकारी में फिर वही पुरानी बातें दोहराई गई कि गाइडलाइन की सख्ती से पालना करवाई जाएगी और हर संडे को फ़न-डे के रूप में मनाया जाएगा। छात्रों पर से मानसिक दबाव कम करने के लिए कोचिंग संचालकों को प्रभावी कार्ययोजना बनाकर धरातल पर समय पर लागू करवाई जायेगी।
कोटा के कोचिंग संचालकों को ऐसे दिशा-निर्देश और उन्हें सख्ती से पालना करने की हिदायतें पूर्व में भी पहले कई बार दी जा चुकी है और अकसर जब कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं फिर बढ़ती है तो इन्हीं चेतावनियों को उनके सामने एक बार फिर से दोहरा दिया जाता है। यह सिलसिला पिछले लंबे अरसे से जारी है।
हालांकि कोटा के पुलिस अधीक्षक (शहर) शरद चौधरी ने इस बैठक में एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया कि साइबर थाना, टूरिस्ट थाना की तर्ज पर कोटा में स्टूडेंट थाना अलग से खोला जाएगा। इसके लिए जल्दी ही प्रस्ताव तैयार कर विभागीय स्तर पर उच्च अधिकारियों को भिजवाए जाएंगे, ताकि कोचिंग छात्रों से संबंधित मामला सामने आने के बाद उन पर पुलिस तत्परता से केंद्रीकृत तरीके से कार्रवाई कर सके।
श्री चौधरी ने यह भी कहा कि दो महीने पहले स्टूडेंट सेल का गठन किया था। अब इस स्टूडेंट सेल को और बड़ा करना चाहते हैं। जिला कलक्टर ओ पी बुनकर की ओर से बताया गया है कि बैठक में निर्णय लिया कि अगले दो महीने तक किसी भी कोचिंग में कोई भी टेस्ट, कोई भी एग्जाम नहीं होगा। इससे विद्यार्थियों में मासिक टेस्ट में पिछड़ने का तनाव खत्म हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि हर बुधवार को हाफ टाइम ही क्लास लगेगी, बाकी हाफ टाइम में पढ़ाई की जगह मनोरंजन गतिविधियां होगी। इससे विद्यार्थियों में तनाव कम होगा। कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों में तनाव कम करने के लिए किसी अच्छे वक्ता या मोटिवेटर की ऑनलाइन क्लास करवाकर उसका वीडियो यूट्यूब पर डालेंगे ताकि उसका लाभ सभी को मिल सके।
कोचिंग में कोर्स कम करने को लेकर भी कोचिंग संचालकों से बात की है। सभी कोचिंग संस्थान से विषय विशेषज्ञों के नाम मांगे गए हैं। विषय विशेषज्ञ की समिति बनाकर विद्यार्थियों के लिए कोर्स कम करने का सुझाव लेंगे। उन्होंने बताया कि जो छात्र डाउटफुल है, जो परीक्षा में नहीं बैठे, परफॉर्म कम कर रहे हैं या लगातार अनुपस्थित हो रहे हैं, ऐसे विद्यार्थियों को चिन्हित करके साइकोलॉजिस्ट के माध्यम से काउंसलिंग करवाई जाएगी।