नई दिल्ली। जीरे की कीमतों में काफी तेजी देखी जा रही है। इस महीने इसके भाव 15 फीसदी बढ़ चुके हैं। जानकारों के मुताबिक जीरा में आ रही हालिया तेजी की वजह इस महीने असमय हुई बारिश से इसकी फसल को नुकसान होना है। आगे भी जीेरे की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है।
कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स में इस माह 3 मार्च को जीरा का अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट 30,570 रुपये के भाव पर बंद हुआ था। आज खबर लिखे जाने के समय यह 35,075 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस तरह इस महीने भर में जीरा का वायदा भाव करीब 15 फीसदी बढ़ चुके हैं।
हालांकि आज ऊपरी स्तर पर मुनाफावसूली से जीरे की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान हाजिर बाजार उंझा में जीरा 31,500 रुपये से बढ़कर 34,000 रुपये क्विंटल बिक रहा है। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट व जिंस विशेषज्ञ अनुज गुप्ता कहते हैं कि इस साल जीरा का उत्पादन कम है। जिससे बाजार में इसकी आपूर्ति कमजोर है। इसलिए जीरे की कीमतों में तेजी आ रही है। आगे जीरे के भाव बढ़कर 38 से 40 हजार रुपये क्विंटल रुपये के बीच जा सकते हैं।
जिंस विश्लेषक और एग्रीटेक कंपनी green agrevolution pvt ltd में रिसर्च हेड इंद्रजीत पॉल ने बताया कि इस साल उत्पादन पहले से ही घटने का अनुमान था। ऐसे में 15 मार्च के बाद हुई असमय बारिश से खासकर राजस्थान के जीरा उत्पादक इलाकों में खेतों में खड़ी जीरे की फसल को नुकसान हुआ है। इस नुकसान के बाद जीरे की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। जीरे की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। जिससे आगे लंबी अवधि में इसकी कीमतों में और तेजी आ सकती है।
जीरा उत्पादन 8 फीसदी घटने का अनुमान
इस बार गुजरात में जीरे की बोआई 6 फीसदी कम हुई थी। राजस्थान में प्रतिकूल मौसम के कारण इसकी उत्पादकता में कमी आई है। लिहाजा इस साल जीरे का उत्पादन कम है। जिंस विश्लेषकों के मुताबिक इस साल 5.80 लाख टन जीरे का उत्पादन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के उत्पादन 6.29 लाख टन से 7.79 फीसदी कम है।