-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। Additional Fuel Surcharge: राज्य सरकार के राजस्थान डिस्कॉम के लालच पर लगाम लगा पाने में विफल रहने के कारण राज्य की तीनों बिजली कंपनियों ने इसी माह से प्रदेश के कृषि क्षेत्र के किसानों को छोड़कर शेष एक करोड़ से भी अधिक उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज के रूप में अतिरिक्त वसूलना तय कर लिया है और वह भी “बैक-डेट” की तिमाही का।
राजस्थान डिस्कॉम ने पिछले महीने 27 अक्टूबर को विद्युत उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त फ्यूल सरचार्ज लगाने की घोषणा की थी और अब वह राज्य के आम उपभोक्ताओं से करीब 375 करोड़ रुपए वसूले जायेंगे और एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य के गैर कृषि उपभोक्ताओं में से प्रत्येक उपभोक्ता को राजस्थान डिस्कॉम की इस वसूली के रूप में हर महीने डेढ़ सौ से लेकर डेढ़ हजार रुपये तक अतिरिक्त चुकाने पड़ेंगे। उपभोक्ताओं को उसके विद्युत उपभोग के अनुरूप बढ़ा हुआ फ्यूल सरचार्ज चुकाना है।
प्रदेश के उपभोक्ताओं पर नवम्बर-दिसम्बर माह के दो माह के बिल से ही यह फ्यूल सरचार्ज का अतिरिक्त भार पड़ना आशंकित है और यह वसूली भी उनसे पिछले साल की तिमाही के बिल के हिसाब से होगी यानी पिछले साल अक्टूबर से दिसंबर के तीन माह में जितनी यूनिट बिजली का उपभोग किया है, उस पर प्रति यूनिट 21 पैसे फ्यूल सरचार्ज के हिसाब से राशि बिल में जुड़ कर आएगी जिसे उपभोक्ताओं को चुकाना है। राजस्थान डिस्कॉम नवम्बर और दिसम्बर महीने के बिजली के बिलों में यह बढा हुआ फ्यूल सरचार्ज जोड़कर उपभोक्ताओं की जेब काटने वाला है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान डिस्कॉम विद्युत उपभोक्ताओं को सप्लाई के लिए राजस्थान राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से विभिन्न पावर स्टेशनों से बिजली खरीदता है, जिसके विद्युत बनाने की दर में फ्यूल की कीमत सहित माल-भाड़े में वृद्धि, टैक्स-सरचार्ज में बदलाव के कारण परिवर्तन आता है। इस परिवर्तन के अनुरूप बिजली घर वास्तविक लागत मूल्य तय कर उसके अनुसार डिस्कॉम को सप्लाई की गई बिजली की दर मिलती है और इसी की वसूली राजस्थान डिस्कॉम फ्यूल के रूप में उपभोक्ताओं से करता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आम घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 50 यूनिट विद्युत उपभोग करने पर मुफ्त बिजली देने और आगे 50 से अधिक यूनिट विद्युत उपभोग पर अनुदान के हिसाब से सस्ती बिजली उपलब्ध करवाने की हर कोशिश पर पानी फेरने के लिए राजस्थान डिस्कॉम ने पूरी तैयारी के साथ कमर कस रखी है। मुख्यमंत्री की मुफ्त अनुदानित बिजली देने की घोषणा के बाद प्रदेश के 1.47 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं में से 38 लाख 15 हजार परिवारों को मुफ्त बिजली मिलने लगी है, जबकि शेष को भी अनुदानित दर पर सस्ती बिजली मिल रही है।
लेकिन, अब ऐसे उपभोक्ताओं पर डेढ़ सौ से डेढ़ हजार रुपए तक का हर माह अतिरिक्त भार पड़ना तय हो गया है। प्रदेश के कम से कम एक करोड़ उपभोक्ताओं को यह अतिरिक्त फ्यूल सरचार्ज प्रत्येक महीने हर हाल में चुकाना ही होगा और आश्चर्यचकित कर देने वाली सच्चाई यह है कि विद्युत उपभोक्ताओं को मुख्यमंत्री की ओर से दी गई रियायतों को राजस्थान डिस्कॉम छीन रहा है लेकिन राज्य सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।