कोटा। समर्थन मूल्य पर चने की खरीद में केसारी दाल के दाने आने के कारण खरीद केंद्रों पर किसानों का माल रिजेक्ट होने की समस्या दूर हो गई हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के हस्तक्षेप के बाद केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 2 प्रतिशत की सीमा तक केसारी दाल मिली होने पर भी चने की एमएसपी पर खरीद के आदेश एफसीआई, नेफेड और अन्य सरकारी खरीद एजेंसियों को जारी किए हैं।
नेफेड, एफसीआई और अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से इन दिनों एमएसपी पर चने की खरीद प्रक्रिया की जा रही है। लेकिन चने में केसारी दाल पाए जाने पर तुलाई केंद्रों पर उसे रिजेक्ट किया जा रहा था। इससे किसानों में रोष था।
विगत दिनों संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के प्रवास पर आए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चना खरीद में आ रही समस्याओं को लेकर केंद्र तथा प्रदेश की एजेंसियों के साथ समीक्षा की थी। इस दौरान किसानों ने केसारी दाल की समस्या की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूर्व में इस बारे में आदेश होने के बाद भी अधिकारी माल को रिजेक्ट कर रहे हैं।
किसानों की समस्या को देखते हुए स्पीकर बिरला ने मौके से ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से इस बारे में फोन पर बात की थी। स्पीकर बिरला ने किसानों को भी आश्वस्त किया था कि वे हर परिस्थिति में उनके साथ हैं तथा उनका नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
बिरला के हस्तक्षेप के बाद अब केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बुधवार को नेफेड, एफसीआई और अन्य सरकारी एजेंसियों को पत्र जारी की 2 प्रतिशत की सीमा तक केसारी दाल होने पर भी चने की एमएसपी पर खरीद करने के निर्देश दिए हैं।
खरीद की सीमा भी बढ़वाएंगे
बैठक में स्पीकर बिरला ने राज्य के अधिकारियों से मध्य प्रदेश की तर्ज पर चना खरीद की सीमा भी 25 क्विंटल प्रति किसान से 40 क्विंटल प्रति किसान करने के प्रस्ताव केंद्र को भेजने को कहा था। इस बारे में भी उन्होंने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर से बात की थी। स्पीकर बिरला ने दोहराया कि यदि राज्य सरकार प्रति किसान खरीद सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव केंद्र को भेजती है तो उसे भी यथाशीघ्र स्वीकृति दिलाई जाएगी।