नई दिल्ली। भारत में नेश्ननल हाईवे पर खाना और ईंधन दोनों के लिए लंबा सफर करना पड़ता है, मिली जानकारी के मुताबिक अब आप खाने का ढ़ाबा तलाश करेंगे तो आपको ईंधन स्टेशन में जानकारी खुद से प्राप्त् हो जाएगी। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंत्रालय के अधिकारियों से एक प्रस्ताव पर काम करने को कहा है जिससे ढाबा मालिकों को पेट्रोल पंप बनाने की अनुमति मिल सके।
हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में, गडकरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे ढाबों में ईंधन स्टेशनों के कई लाभ हो सकते हैं। ये लाभ ना सिर्फ ढाबा मालिक बल्कि हाईवे पर सफर करने वाले लोगों के लिए भी कारगर होंगे। उन्होंने कहा लोग सड़क किनारे की जमीन पर अतिक्रमण कर ढाबे खोल रहे हैं। सुबह मैंने एमओआरटीएच के अधिकारियों से कहा, जिस तरह एनएचएआई पेट्रोल पंपों के लिए एनओसी देता है, उसी तरह हमें छोटे ढाबा मालिकों को राजमार्गों के किनारे पेट्रोल पंप और शौचालय बनाने के लिए अधिकृत मंजूरी देने पर भी विचार करना चाहिए।
यह कदम देश में राजमार्गों पर ईंधन स्टेशनों के नेटवर्क को जोड़ने के साथ-साथ ऐसे प्रतिष्ठानों के मालिकों को आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान कर सकता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है, कि गडकरी ने यहां इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों का कोई उल्लेख नहीं किया, यह कदम आने वाले समय में ऐसी सुविधाओं की नींव भी रख सकता है।
इसके साथ ही ट्रांसपोर्ट के लिए ईंधन के तौर पर ग्रीन हाइड्रोजन की वकालत करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत को ऐसा देश बनाने की जरूरत है जो पेट्रोल और डीजल के आयात पर निर्भर न रहे। एक इवेंट में बोलते हुए गडकरी ने खेद व्यक्त किया कि कुछ देश पेट्रोल और डीजल की बिक्री से आर्थिक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।