नई दिल्ली। देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई और तेज हो गई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India, DCGI) ने भारत में रूस की स्पुतनिक लाइट वैक्सीन (Sputnik Light Vaccine) के तीसरे चरण के ट्रायल की इजाजत दे दी है। मालूम हो कि यह सिंगल डोज वैक्सीन है जिसके बाद दूसरे डोज की जरूरत नहीं होगी। भारत में अभी जितनी भी वैक्सीन लगाई जा रही हैं उनकी दो डोज लगवानी पड़ती है।
मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ में हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के बाद यह मंजूरी दी गई है। इस अध्ययन में पाया गया है कि स्पुतनिक लाइट ने कोविड-19 के खिलाफ 78.6 से 83.7 फीसद की प्रभावकारिता दिखाई है। यह दो डोज वाले अधिकांश टीकों की तुलना में काफी अधिक है। इस साल जुलाई में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने स्पुतनिक-लाइट के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।
इसके बाद औषधि नियामक (DCGI) ने भी स्पूतनिक लाइट के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। यही नहीं देश में इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की आवश्यकता को भी खारिज कर दिया गया था। उस समय विशेषज्ञ समिति ने कहा था कि स्पुतनिक लाइट के घटक भी स्पुतनिक-वी के समान है। अब स्पुतनिक लाइट वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी मिलने से कोरोना के खिलाफ एक और हथियार के मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
इस बीच रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (Russian Direct Investment Fund, RDIF) ने कहा है कि दो डोज वाली रूसी स्पुतनिक-वी वैक्सीन ने बेलारूस में कोरोना के खिलाफ 97.2 फीसद प्रभावकारिता दिखाई है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक जारी बयान में कहा गया है कि जनवरी और जुलाई 2021 के बीच टीकाकरण के 860,000 से अधिक लोगों के आंकड़ों के आधार पर स्पुतनिक-वी की यह प्रभावशीलता मापी गई। जारी बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े भी स्पुतनिक-वी की उच्च सुरक्षा की तस्दीक करते हैं।