नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद से शेयर बाजार नित नई ऊंचाई को छू रहा है। सेंसेक्स 58305 अंक और निफ्टी17369 अंक के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। आने वाले दिनों में सेंसेक्स 60 हजार के स्तर को भी पार कर सकता है। इसके बावजूद बीएसई पर सूचीबद्ध पांच में से केवल एक कंपनी के शेयर लाइफटाइम हाई पर पहुंचा है। यानी 80 फीसदी शेयर अभी भी अपने शिखर से दूर हैं। वहीं, 82 फीसदी शेयर अभी अपने उच्चतम स्तर से 10 फीसदी नीचे हैं। वहीं, सूचीबद्ध कंपनियों के 35 फीसदी शेयर अपने उच्चतम स्तर से 50 फीसदी नीचे हैं।
बड़ी कंपनियों ने बढ़ा निवेशकों का रुझान
कोरोना संकट के बाद बड़ी कंपनियों के शेयरो में निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ा है। इसके चतले मिड कैप और स्मॉल कैप के मुकाबले लार्ज कंपनियों का बाजार पूंजीकरण तेजी से बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, लार्ज कैप में शामिल 68 फीसदी कंपनियों के शेयर लाइफटाइम हाई पर पहुंच गए हैं। वहीं, इसके मुकाबले मिड कैप के 48 फीसदी और स्मॉल कैप के सिर्फ 12 फीसदी शेयर ही अपने लाइफटाइम हाई पर पहुंच पाए हैं।
विदेशी निवेशकों ने 7,605 करोड़ रुपये डाले
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर में अबतक भारतीय बाजारों में 7,605 करोड़ रुपये डाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से नौ सितंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में 4,385 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार में 3,220 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस तरह उनका शुद्ध निवेश 7,605 करोड़ रुपये रहा है। इससे पहले अगस्त में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 16,459 करोड़ रुपये डाले थे। इसमें से रिकॉर्ड 14,376.2 करोड़ रुपये का निवेश बांड बाजार में हुआ था।