रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.50% बढ़ाई; कर्ज हुआ महंगा, जानिए कितनी हो गई ईएमआई

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मुंबई। बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने आज बुधवार को फिर से नीतिगत दरों (RBI Repo Rate) में बढ़ोतरी की है। गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही इसके संकेत दे चुके थे। पिछले ही महीने रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी और अब इस महीने फिर से 0.50 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। अब रेपो रेट की नई दर 4.90 फीसदी हो गई है। इस बढ़ोतरी के चलते फिर से आपकी ईएमआई महंगी हो जाएगी।

रिजर्व बैंक की तरफ से इस बार रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट यानी 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। रेपो रेट बढ़ने का सीधा सा मतलब है कि रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को लोन महंगी दर पर मिलेगा। ऐसे में बैंक इस बढ़ोतरी को ग्राहकों तक ट्रांसफर करेंगे और उनके लिए भी कर्ज लेने की दरें महंगी हो जाएंगी। वहीं अगर आपको होम लोन चल रहा है तो उसकी ईएमआई में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। हालांकि, इससे उन लोगों को फायदा होगा जो बैंक एफडी कराते हैं, क्योंकि इससे एफडी की दरें भी बढ़ जाएंगी।

कितनी बढ़ेगी लोन की ईएमआई?
मान लेते हैं कि आपने 50 लाख रुपये का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए लिया है। अगर भारतीय स्टेट बैंक का उदाहरण लें तो अभी आपको औसतन करीब 7.40 फीसदी की दर पर होम लोन मिल रहा है। ऐसे में अभी आपकी ईएमआई 39,974 रुपये की बन रही है। इस बार रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ गया है। अगर एसबीआई उस बढ़ोतरी को ग्राहकों को ट्रांसफर करता है तो ग्राहकों को होम लोन पर 7.90 फीसदी ब्याज चुकाना होगा। ऐसे में आपकी ईएमआई 41,511 रुपये हो जाएगी। यानी रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी से आपकी ईएमआई 1537 रुपये (41,511-39,974) बढ़ जाएगी। मतलब साल भर में आपकी जेब से 18,444 रुपये (1537*12) अतिरिक्त निकलेंगे।

टमाटर और कच्चे तेल में उछाल से मुद्रास्फीति बढ़ी
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सामान्य मानसून, सरकार द्वारा किए गए उपायों से मुद्रास्फीति नीचे आएगी। मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है। हाल में टमाटर और कच्चे तेल के दामों में उछाल से मुद्रास्फीति बढ़ी है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के अपने अनुमान को कायम रखा।

महंगाई दर 6 प्रतिशत से ऊपर बने रहने की आशंका
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने समिति की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि हम मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्य के दायरे में लाने के लिए कदम उठा रहे हैं, महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में 6 प्रतिशत से ऊपर बने रहने की आशंका है। यूक्रेन में युद्ध से दुनिया भर में मुद्रास्फीति बढ़ी है। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, रिजर्व बैंक वृद्धि को समर्थन करता रहेगा ।

महंगाई 7.79 फीसदी पर पहुंची
खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में लगातार सातवें महीने बढ़ते हुए आठ साल के उच्चतम स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसकी मुख्य वजह यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते ईंधन सहित जिंस कीमतों में बढ़ोतरी है। थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति 13 महीने से दो अंक में बनी हुई है और अप्रैल में यह 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्चस्तर को छू गई। दास ने हाल ही में एक टीवी साक्षात्कार में कहा, ‘‘रेपो दरों में कुछ बढ़ोतरी होगी, लेकिन अभी मैं नहीं बता पाऊंगा कि यह कितनी होगी।’’